
Contractor stay in road construction for 7 years,payment was also made
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)।जिले के दक्षिण बैहर नक्सल प्रभावित क्षेत्र की डाबरी, चोरियां,घोटी लांजी सड़क एक बार फिर ठेकेदार की वजह से नहीं बन पा रही है। सात साल से यह सड़क बन रही है। ठेकेदार को विभाग ने दो बार मौका दिया। उसने कोर्ट से दो बार स्टे लाया।उसे जरूरत से ज्यादा भुगतान भी किया गया। लेकिन घटिया सड़क बनाने की वजह से उसका ठेका निरस्त कर नई निविदा आमंत्रित की गयी। वह फिर कोर्ट चला गया। स्टे ले आया।
मंत्री की बात बेअसर
दक्षिण बैहर की सड़क के लिए पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने ग्रामीणों से 10 मई 2025 को कहा था कि 31 मार्च 2026तक नहीं बनने पर मैं इसी जगह चीफ इंजीनियर को भेजूंगा और तुम लोग हिसाब किताब कर लेना। सड़क बनने से रही। और उनका आश्वासन भी लगता है,आश्वासन ही रहा जाएगा।
सात वर्षो में भी नहीं बनी सड़क
उकवा से बिठली, सोनगुड्डा, डाबरी, पित्तकोना, चोरियां, घोटी सडक एक सैकड़ा से अधिक गांवों की जरूरत है।अतिपिछड़ा आदिवासी क्षेत्र के विकास की मुख्य धुरी है। सात वर्षो के बाद भी न सड़क बनी और न ही पुल- पुलिया बनी।
स्टे मिला मगर,काम नहीं किया
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के तहत 28 फरवरी 2018 को निविदाकार मेंसर्स संजय अग्रवाल को वर्क आर्डर जारी हुआ था। 27 अगस्त 2019 तक कार्य पूर्ण हो जाना था। किंतु ठेकेदार ने काम नहीं किया। घटिया कार्य होने के कारण उक्त पैकेज का अनुबंध 30 नवंबर 2021 को निरस्त कर दिया गया। उक्त निरस्तीकरण के विरूद्ध ठेकेदार ने उच्च न्यायालय जबलपुर से स्थगन आदेश ला लिया और पूर्ण करने का आश्वासन दिया। जिस पर विभाग ने उसे दो बार मौका दिया। किंतु उक्त दोनों समयावधि के दौरान कार्य नहीं करने से विभाग ने उसका ठेका फिर से निरस्त कर दिया। विभाग ने अधूरी सड़क के लिए फिर से निविदा आमंत्रित की। लेकिन ठेकेदार को कोर्ट से पुन स्टे मिल गया।
ठेकेदार को भुगतान भी हुआ
नक्सल प्रभावित गांवों में बनने वालीसड़ की लम्बाई 35.60 किलोमीटर है। निर्माण की लागत 20 करोड़ दस लाख रुपए है।ठेकेदार को अभी तक कुल 814.40 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। ठेकेदार ने अब तक एक किलोमीटर कांकरीट सड़क और लगभग 19 किलोमीटर में बीट का कार्य किया है। जो वर्तमान में उखड़ गई है। ग्रामीणोें का कहना है कि ठेकेदार को जितना भुगतान किया गया है,उसके अनुरूप भी उसने सड़क नहीं बनाया है।
इनका कहना है
निविदा की प्रक्रिया जारी थी,किंतु ठेकेदार ने पुनः कोर्ट से स्टे ला लिया। कोर्ट में त्वरित सुनवाई के लिए अपील की गई है।
मृणाल मीना, कलेक्टर,बालाघाट
मैने समीक्षा में उक्त सडक को प्राथमिकता से लिया है और मेरा प्रयास होगा कि तुरंत सुनवाई के दौरान कोर्ट निविदा प्रक्रिया के लिए आदेश करें।
तोमेन्द्र सिंग जौहरे
महाप्रबंधक, पीएमजेएसवाय बालाघाट