
Consitution of bjp on 25 jun,congresss constitution satyagraha
राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल(ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में 25 जून को संविधान और संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर पर सियासत का एक नया रूप देखने को मिलेगा। एक तरफ बीजेपी आपातकाल की याद दिलाते हुए संविधान हत्या दिवस के रुप में इस दिन को मनाने जा रही है।उधर ग्वालियर हाईकोर्ट में संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना के मुद्दे पर कांग्रेस संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संविधान सत्याग्रह पर बैठे हुए हैं।
आपातकाल और संविधान पर सियासी रार
मध्य प्रदेश में 25 जून की तारीख पर संविधान के मुद्दे पर सियासी रार छिड़ गया है। वैसे तो बीजेपी हर साल इस दिन को आपातकाल दिवस के तौर पर मनाती आ रही है। इस दिन खासतौर पर पार्टी के वो नेता सम्मानित किए जाते है, जिन्हे लोकतंत्र सेनानी नाम दिया गया है। जो इमरजेंसी के दौरान जेल में थे। लेकिन इस बार बीजेपी इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर इसे संविधान हत्या दिवस के तौर पर मना रही है।
इमरजेंसी की याद दिलायेंगे
इस मौके पर पूरे प्रदेश में मीसाबंदियों के सम्मान के कार्यक्रम के अलावा संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।जिसमें केन्द्रीय मंत्रियों के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के प्रवक्ता मंत्री और वक्ता प्रदेश के अलग.अलग शहरों में इमरजेंसी के दिन याद दिलाएंगे।आपातकाल के अध्याय के 50 वर्ष ये नाम दिया गया है।पार्टी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने बताया कि बीजेपी इस दिन को संविधान काला दिवस के तौर पर मनाने जा रही है।
भोपाल में विशेष आयोजन
भोपाल में इस दिन का जो विशेष आयोजन रखा है। उसमें केन्द्रीय मंत्री सीआर पाटिल शामिल होंगे। उनके अलावा बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी इस विषय पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में अपनी बात रखेंगे। अग्रवाल ने बताया कि इस आयोजन के जरिए नई पीढ़ी को ये बताया जाएगा कि किस तरह से कांग्रेस की सरकार के दौर में इमरजेंसी के सथ लोकतंत्र की हत्या कांग्रेस की सरकार में की गई थी।
अंबेडकर प्रतिमा विवाद,कांग्रेस का सत्याग्रह
बीजेपी 25 जून को संविधान काला दिवस मनाने जा रही है। और ग्वालियर उच्च न्यायलय परिसर में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा की स्थापना को लेकर कांग्रेस संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की दुहाई देते संविधान सत्याग्रह पर बैठी है। तीन दिन तक संविधान सत्याग्रह का ये अभियान चलेग।जीतू पटवारी को संविधान सत्याग्रह करते हुए एक दिन बीत चुका है।मंगलवार को उन्होंने भोपाल में लुंबिनी बुद्ध विहार में बौध्द भिक्षुओं के साथ सामूहिक संविधान सत्याग्रह किया।जीतू पटवारी ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।ये आंदोलन संविदान विरोधी ताकतों के खिलाफ जागरण है। ऐसे लोग जो समाज को तोड़ना चाहते हैं। उनके लिए ये सत्याग्रह सबक और संदेश है। दो सियासी पार्टी के लिए संविधान के मायने बदल गए हैं। एक के लिए सत्याग्रह है तो दूसरे के लिए काला दिन।