शिवरतन शर्मा ने कहा कि कांग्रेस समीक्षा करके कोई सबक नहीं लेती। इसीलिए लगातार उसकी दुर्गति हो रही है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद समीक्षा के लिए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली के नेतृत्व में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसका नतीजा सिफर ही रहा। अब नगरीय निकाय चुनाव के समय कांग्रेस नेता अपना वजूद बचाए रखने के लिए धान खरीदी केन्द्रों में घूम रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं।
कांग्रेस बंटी और बिखरी है –
एकात्म परिसर में प्रेस कांफ्रेंस में शिवरतन शर्मा ने कहा कि मोइली कमेटी छत्तीसगढ़ पहुंची तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके सामने शिकायत रखी थी कि बड़े नेताओं की जिद के आगे किसी की नहीं चलती। निचले स्तर के कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा हो रही है। आज उस कमेटी की रिपोर्ट कहां है और उस पर क्या कार्रवाई हुई? सवाल यह है कि अब रायपुर दक्षिण के उप चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के लिए भी क्या कांग्रेस कोई कमेटी बनाएगी? शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के लोग बँटे हैं, बिखरे हैं और नाराज हैं। स्वयं कांग्रेस नेता पूर्व उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव कह टुके हैं कि भाजपा एक कैडर आधारित पार्टी है। जिस प्रकार से वह कार्य करती है, उस तक पहुंचने में हमें 25 साल लगेंगे। शर्मा ने कहा कि पिछले नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने धांधली करके विजय प्राप्त की थी परंतु इस बार प्रत्यक्ष चुनाव होने से नगरीय निकाय व त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जनता पुनः भाजपा पर भरोसा जताएगी।
झूठ फैला रहे हैं कांग्रेसी –
शर्मा ने कहा कि अपनी लगातार हार से बौखलाई कांग्रेस हर मुद्दे पर मुँह की खाने के बाद अब धान खरीदी पर झूठ फैलाने में लगी है। कांग्रेस के तीन-तीन पूर्व मंत्री टोकन नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं। यह कांग्रेस का एक और नया झूठ है। हम यह आँकड़ा पेश कर सकते हैं कि धान खरीदी से कितने कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री लाभान्वित हुए हैं, किन-किन कांग्रेस नेताओं ने कितना-कितना धान बेचा है और उसका कितना भुगतान उनके खातों में जमा हुआ है। शर्मा ने कहा कि यह बेहद आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस सरकार के अनेक पूर्व मंत्री तक यह स्वीकार कर रहे हैं कि पहले कुछ दिक्कत थी अब दिक्कत नहीं है। तब कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों की टोकन नहीं मिलने की बात हास्यास्पद और सफेद झूठ साबित हो रही है।
कमी होती थी पहले भी बारदाने की –
पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी स्वीकार किया है कि पहले सोसायटी में धान खरीदने के लिए बारदाने को लेकर परेशानियां होती थीं। अब बारदाने सोसाइटियों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। शर्मा ने कहा कि चूँकि अभी त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव सामने है, अतः अपने वजूद की तलाश के लिए कांग्रेस नेता आंदोलन कर रहे हैं।