
AAp MLA in punjab desperate to become ahinde
नई दिल्ली (ब्यूरो)। इस बार दिल्ली जीतने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी एक कर दी है। वहीं कांग्रेस भी इस कोशिश में है कि उसे सीट मिले। उसका वोट बैंक तभी बढ़ेगा,जब वो आप के वोट बैंक में सेंध लगा लेगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोकसभा चुनाव में जो कांग्रेस आप के साथ गठबंधन की थी, वही विधान सभा चुनाव में उसकी खिलाफत कर रही है।राहुल गांधी ने आप और बीजेपी दोनों को एक ही सिक्के दो पहलू बताया है। इस बार बीजेपी की सीट 25 से 27 तक हो सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी की सीट घटेगी। माना जा रहा है कि हरियाणा जैसा खेला नहीं हुआ तो आम आदमी पार्टी को 42 से 45 सीट मिल सकती है। सियासी गणित हर दल अपने अपने तरीके से बिठाने में लगा है। कांग्रेस को तभी फायदा होगा जब आम आदमी पार्टी का वोट कांग्रेस में जाएगा।
समीकरण जटिल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी (BJP) ने पूरी ताकत झोंक दी है। दूसरी ओर दस साल की सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही आम आदमी पार्टी (AAP) का इस बार सियासी तौर पर एक बड़ा टेस्ट होने वाला है, लेकिन सबसे दिलचस्प रुख कांग्रेस पार्टी का रहा है, जिसने कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गठबंधन किया था और अब उसी कांग्रेस ने AAP के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिहाज से आक्रामक रुख अपना लिया है। दिल्ली विधानसभा के लिए कांग्रेस के चुनावी कैंपेन ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अरविंद केजरीवाल की तीखी आलोचना और आम आदमी पार्टी (AAP) के जवाबी हमले से चुनावों के बाद दोनों दलों के बीच समीकरण जटिल हो सकते हैं।
दिल्ली कांग्रेस और हाईकमान
राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल पर आक्रामक हमले किए। कांग्रेस को उम्मीद है कि इससे कांग्रेस उम्मीदवारों को राष्ट्रीय राजधानी में वापसी करने में मदद मिलेगी, जहां वह 1998 से 2013 तक सत्ता में थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में झटका खाने वाली कांग्रेस, पिछले दस साल से दिल्ली की सियासत में हाशिए पर खिसक गई है। दिल्ली कांग्रेस और हाईकमान आखिरकार इस मुद्दे पर एकमत होते दिख रहे हैं कि उनकी सीधी लड़ाई कांग्रेस से है।
AAP के खिलाफ आक्रामक राहुल
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने 14 जनवरी को दिल्ली में अपनी पहली चुनावी रैली में आप सरकार पर हमला बोला था लेकिन अपने प्रचार के दूसरे चरण में उन्होंने अपना रुख बदल दिया है। उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधा और यहां तक कि उनकी तुलना प्रधानमंत्री से की और कहा कि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।इस मामले में कांग्रेस नेताओं का तर्क ये हैं कि राजधानी में BJP का एक खास वोट बैंक है, 1998 से विधानसभा चुनावों में इसका वोट शेयर कमोबेश 32% से 38% के बीच रहा है, और यह कांग्रेस के वोट शेयर से बहुत ज़्यादा मेल नहीं खाता। दूसरी ओर, AAP ने कांग्रेस का लगभग पूरा वोट बैंक छीन लिया है।
आप के वोट बैंक से कांग्रेस दूर
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि बीजेपी के वोट बैंक में हमारी अपील सीमित है। अपने सुनहरे दिनों में भी हम उनके समर्थन आधार में सेंध नहीं लगा पाए और आगे भी ऐसा ही रहेगा। हमें अपना समर्थन आधार वापस पाने की जरूरत है जो आप के पास चला गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, AAP के साथ चालाकी नहीं कर सकती और हमारे केंद्रीय नेताओं को अब यह बात समझ में आ गई है। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस बात पर भी ज्यादा आक्रामक है कि आम आदमी पार्टी ने राहुल गांधी तक को निशाने पर लिया है और उन्हें कांग्रेस और BJP के कई अन्य नेताओं के बीच बेईमान लोगों के पोस्टर में शामिल किया। तब से राहुल गांधी ने केजरीवाल की राजनीति के ब्रांड पर सवाल उठाए हैं और उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों से जोड़ा है।
AAP और BJP को दलित विरोधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आप और BJP को दलित विरोधी और आरक्षण विरोधी भी कहा है और तर्क दिया है कि दलितों, पिछड़े वर्गों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आप की मेज पर कोई जगह नहीं है। उन्होंने बताया है कि आप के शीर्ष नेतृत्व में वंचित वर्गों से कोई नहीं है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि दिल्ली में BJP और कांग्रेस पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी थे। हम एक-दूसरे की ताकत और कमजोरियों को जानते हैं। हम तभी वापसी कर सकते हैं जब आप को समीकरण से बाहर कर दिया जाए।कांग्रेस नेताओं का दावा है कि पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कम से कम आधा दर्जन सीटों पर उसके उम्मीदवार कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पार्टी का दावा है कि वे जीतने की स्थिति में हैं, और कुल मिलाकर इसका वोट शेयर मौजूदा 4.63% से दोहरे अंकों को छू सकता है।