
Congress president below 45 years of age, president will change in many districts
* रीवा में जिला और शहर कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाएंगे
राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल(ब्यूरो)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नए जिला अध्यक्ष 35 से 45 साल की उम्र के होंगे। ऐसी स्थिति में कई जिले में कांग्रेस अध्यक्ष बदल सकते हैं।संभागीय मुख्यालय रीवा में इस समय इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा जिलाध्यक्ष हैं। शहर अध्यक्ष लखनलाल खंडेलवाल है। दोनों की उम्र 55 से ऊपर है।कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने रविवार को हुई वर्चुअल मीटिंग में कहा कि 5 साल से पहले पार्टी में शामिल नेताओं को पैनल में न जोड़ें। यानी जो व्यक्ति कांग्रेस में शामिल होकर काम कर रहा है। लेकिन उसे आए दो- तीन साल हुए हैं,वो कांग्रेस अध्यक्ष का दावा नहीं करेगा।
किसी नेता के घर में न रूकें
प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा चाहे एआईसीसी के आब्जर्वर हों या पीसीसी के पर्यवेक्षक हों। कोई भी किसी जिले में किसी नेता के होटल और घर पर न रुकें। न ही किसी स्थानीय नेता के साथ दौरे करें। आपके पूरे प्रवास की व्यवस्था एआईसीसी के निर्देश पर कराई जा रही है।
कमलेश्वर पटेल ने कहा
जूम मीटिंग में पूर्व मंत्री और सीडब्ल्यूसी मेंबर कमलेश्वर पटेल ने कहा पीसीसी आब्जर्वर्स को जिलों के आवंटन में अपना-पराया किया गया है। अपने खास लोगों को उनकी पसंद के जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। इस पर प्रदेश प्रभारी हरीश चैधरी ने कहा,पीसीसी आब्जर्वर्स की लिस्ट एआईसीसी से बनाई गई है। उसमें यदि कहीं कोई अंतर लग रहा है तो उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं। लेकिन सभी आब्जर्वर ईमानदारी से काम करेंगे।
जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के नाम तलाशेंगे
मध्यप्रदेश में संगठन सृजन अभियान के तहत दिल्ली और भोपाल से नियुक्त ऑब्जर्वर्स की तीन सदस्यीय टीम अब हर जिले में जाकर जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के नाम तलाशेगी। इसके साथ ही जिले में कांग्रेस की मजबूती और कमजोरी के कारणों की वजह भी तलाशेगी। पीसीसी से नियुक्त किए गए 165 ऑब्जर्वर्स की आज रविवार को जूम मीटिंग हुई।इस वर्चुअल मीटिंग में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित प्रदेश भर के ऑब्जर्वर जुडे़ थे।
जिला अध्यक्ष के लिए 35 साल
वर्चुअल मीटिंग में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा, एआईसीसी और पीसीसी के ऑब्जर्वर अपने जिले में दौरे का कार्यक्रम बनाकर नीयत समय पर पहुंचें। जिला कांग्रेस कमेटी जिले के कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित करेगी। जिला अध्यक्ष के लिए 6 नामों का पैनल तैयार करना है। हमारा प्रयास ये होना चाहिए कि जिला अध्यक्ष के लिए 35 साल से 45 साल के बीच की उम्र के नेता ही पैनल में शामिल हों।यदि कोई सशक्त व्यक्ति और विचारधारा से जुड़ा हुआ सीनियर दावेदारी करता है तो उसे विशेष परिस्थितियों में शामिल किया जा सकता है। कोई मजबूत कार्यकर्ता आयुसीमा के चक्कर में छूट न जाए। लेकिन, राहुल जी की सोच है कि कांग्रेस का जिलाध्यक्ष युवा हो, तकनीक फ्रेंडली हो, सोशल मीडिया पर सक्रिय हो। ये सारी खूबियों वाले कार्यकर्ताओं को आप पैनल में शामिल करें।
पैनल में ये 6 प्रकार के नाम होंगे शामिल
हर जिले से जिला अध्यक्ष के लिए पैनल में 6 नाम शामिल किए जाएंगे। इनमें एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला के नाम हर हाल में शामिल किए जाएंगे। इसके बाद दो अन्य दावेदारों के नाम पैनल में शामिल रहेंगे।राहुल गांधी के साथ 3 जून को हुई बैठक के बाद सभी ऑब्जर्वर्स को आवंटित जिले का जातिगत डेटा फोल्डर में दिया गया है। इसमें यह बताया गया है कि किस जिले में किस जाति की संख्या ज्यादा हैं और कौन से समाज के लोग निर्णायक भूमिका निभाते हैं। जिलाध्यक्ष के पैनल में इस डेटा के आधार पर भी लोग पैनल में शामिल किए जाएंगे।
पांच साल कांगेस में होना जरूरी
मीटिंग में एक पर्यवेक्षक ने पूछा कि यदि कोई नेता दो साल पहले पार्टी में शामिल हुआ। वो पार्टी में काम भी कर रहा है और यदि वह जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी कर रहे है तो हमें क्या करना चाहिए? इस पर हरीश चौधरी ने कहा, जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी करने वाला व्यक्ति कम से कम 5 साल से पार्टी में काम करने वाला होना चाहिए।
अपने सुझाव लिखित में दे दें
एक ऑब्जर्वर ने कहा- पूरे प्रदेश में 10 जून से 30 जून के बीच ऑब्जर्वर जाएंगे। हम दूसरे जिले के पर्यवेक्षक हैं। ऐसे में यदि हम अपने आवंटित जिले में जिस दिन दौरे पर हैं और उसी दिन हमारे गृह जिले में ऑब्जर्वर बैठक करने आएंगे तो हम अपने जिले में ही सुझाव नहीं दे पाएंगे। इस पर प्रदेश प्रभारी ने कहा- आप लोग अपने सुझाव लिखित में अपने गृह जिले के ऑब्जर्वर्स को दे दें। उन्हें मान्य किया जाएगा। कांग्रेस अभी से अगामी विधान सभा चुनाव की तैयारी के मकसद से कांग्रेस के संगठनात्मक ढांच में तब्दीली कर रही है। इसका उसे कितना लाभ मिलेगा यह कांग्रेस अध्यक्ष भी नहीं जानते।