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नई दिल्ली (ब्यूरो)। कांग्रेस संगठन में बड़ा फेरबदल हुआ। कांग्रेस अपने संगठन को चुस्त और दुरस्त करने ऊपर से नीचे तक सर्जरी की है।महासचिवों और प्रभारियों के रूप में कांग्रेस ने कई वरिष्ठ और अनुभवी नेताओ को बड़ी जवाबदारी दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तेरह राज्यों और चार केन्द्र शासित प्रदेशों में नए प्रभारी नियुक्त किये हैं। पार्टी ने बिहार, पंजाब, मध्यप्रदेश समेत 11 राज्यों में नए प्रभारी नियुक्त किये हैं। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेष बघेल केा महासचिव और पंजाब और राज्य सभा सांसद नासिर हुसैन को कश्मीर और लद्दाख का प्रभारी बनाया गया है। यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को राष्ट्रीय टीम में जगह देते हुए ओड़िसा का प्रभारी बनाया गया है। कई नेताओ से उनका पद भी छिना। अशोक गहलोत कोे कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
फेरबदल को लेकर विचार मंथन
कांग्रेस के शीर्ष संगठन में हुए फेरबदल के बाद अब कुछ राज्यों के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। पार्टी की निगाहें विशेष रूप से उन राज्यों पर हैं, जहां अगले कुछ वर्षों के दौरान चुनाव होने हैं और जहां कांग्रेस चुनावी दौड़ में प्रमुख भागीदार है।इस क्रम में पंजाब, गुजरात, राजस्थान ही नहीं, कर्नाटक जैसे राज्य हैं, जहां प्रदेश संगठन के नेतृत्व में फेरबदल को लेकर विचार मंथन किया जा रहा है।
केंद्रीय संगठन में आ सकते हैं गहलोत
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को महासचिव बनाकर जिस तरह केंद्रीय राजनीति में भूमिका देकर छत्तीसगढ़ में दूसरी पीढ़ी के नेतृत्व को उभारने का दांव चला गया है, उसे देखते हुए यह चर्चा भी गरमाने लगी है कि राजस्थान के पूर्व सीएम दिग्गज नेता अशोक गहलोत को भी केंद्रीय संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद से अशोक गहलोत पार्टी में अभी किसी आधिकारिक पद पर नहीं है। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सूबे के सामाजिक समीकरण के कारण अभी बदले जाने के कोई संकेत नहीं हैं।
चुनावी राज्य बिहार में सरप्राइज
बिहार में इस साल के अंत तक चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस ने कृष्णा अलावरु को बिहार का प्रभारी बनाया है, जो अब तक यूथ कांग्रेस के प्रभारी थे. कर्नाटक के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद को हरियाणा और राजस्थान के वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है. मीनाक्षी नटराजन को तेलंगाना का प्रभारी बनाया गया. रजनी पाटिल को हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ का प्रभारी बनाय गया है. उन्हें राजीव शुक्ला की जगह पर यह जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस ने के. राजू को झारखंड का प्रभारी बनाया है.
इन नेताओं से छिना अहम पद
ओडिशा से सांसद सप्तगिरी उलाका को मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड का प्रभारी बनाया गया है. गिरीश चोडनकर को तमिलनाडु और पुडुचेरी का प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस ने राजीव शुक्ला, मोहन प्रकाश, देवेंद्र यादव, अजय कुमार, दीपक बाबरिया और भारत सिंह सोलंकी को प्रदेश प्रभारी के दायित्व से मुक्त किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार (13 फरवरी 2025) को पूर्व विधायक हर्षवर्धन सपकाल को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था.
राजस्थान में नये नेतृत्व की तलाश
- ऐसे में गहलोत को पार्टी के शीर्ष संगठन में महासचिव की जिम्मेदारी सौंप उन्हें राजस्थान से केंद्रीय राजनीति में लाने की योजना पर काफी अर्से से अंदरूनी मंत्रणा चल रही है। राजस्थान के अगले चुनाव में अभी करीब चार साल हैं, मगर पार्टी भविष्य की चुनौतियों के हिसाब से अभी से सूबे में नए नेतृत्व को आगे लाने के लिए बेचैन है।
- गहलोत के प्रतिस्पर्धी युवा नेता सचिन पायलट पहले से ही महासचिव के तौर पर केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हैं। गहलोत की दिल्ली की राजनीति में वापसी हुई, तो पायलट के लिए राजस्थान की राह एक बार फिर खुल सकती है। एआईसीसी में शुक्रवार को हुए फेरबदल में जम्मू-कश्मीर के प्रभारी पद से मुक्त किए भरत सोलंकी को एक बार फिर गुजरात में सक्रिय करने की नेतृत्व की मंशा दिख रही है।
- गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के बाद लगभग छिन्न-भिन्न हो चुके प्रदेश कांग्रेस के ढांचे में ऊर्जा भरने के लिए पार्टी नेतृत्व के पास सोलंकी और शक्ति सिंह गोहिल जैसे ही कुछ चेहरे बचे हैं।
इन राज्यों में हुई नियुक्ति
- वरिष्ठ नेता अर्जुन मोडवाड़िया के पिछले साल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो जाने के बाद अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को लड़ाई के लिए खड़ा करना कांग्रेस नेतृत्व की बड़ी चुनौती है। ऐसे में कांग्रेस के पास सोलंकी जैसे गिने-चुने प्रमुख चेहरे ही विकल्प हैं।
- कर्नाटक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी अभी भी डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के पास है और वहां भी पार्टी के अंदरूनी सत्ता समीकरण की सियासी हलचलें इन दिनों तेज है। महाराष्ट्र और ओडिशा में इसी हफ्ते नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है।
- बघेल को पंजाब का प्रभारी महासचिव बनाए जाने के बाद प्रदेश संगठन में बदलाव की चर्चाएं भी गरम होने लगी है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग वैसे तो पार्टी हाईकमान की पसंद हैं, मगर सूबे के अगले चुनाव में सत्ता पर दांव लगाने के लिए नेतृत्व परिवर्तन के विकल्प पर मंत्रणाएं की जा रही है।
बिहार में पार्टी के लिए चुनौती
चर्चा गरम है कि पूर्व मुख्यमंत्री लोकसभा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी सूबे की सियासत में लौटने के लिए उत्सुक हैं और इसीलिए एआईसीसी में महासचिव की भूमिका के लिए उन्होंने रूचि नहीं दिखाई। कांग्रेस के शीर्ष संगठन में फेरबदल के बीच शनिवार को बिहार के लिए नियुक्त प्रभारी कृष्णा अलावरू को लेकर पार्टी के गलियारे में चर्चा गरम रही कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की धुरंधर राजनीति से निपटना उनके लिए सहज नहीं होगा।