
Congress new trick in up, win panchayat election, get MLA tickets
राष्ट्रमत न्यूज,लखनऊ(ब्यूरो)। कांग्रेस यूपी में अपना दम पंचायत चुनाव में दिखाने की तैयारी शुरू कर दी है। उसे भरोसा है कि पंचायत चुनाव में अधिक सीटें पा गये तो विधान सभा चुनाव और लोकसभा में उसका लाभ मिलेगा। इसलिए अभी से मंडल स्तर तक संगठनात्मक ढांच को मजबूत करने की तैयारी में लग गयी है। इसी के साथ कांग्रेस यूपी में 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए जमीनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। 100 दिन के संगठन सृजन कार्यक्रम में पार्टी बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने में जुटी है।
कांग्रेस सियासी वजूद बढ़ाने में लगी
कांग्रेस पार्टी 2027 को लेकर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों को तीन श्रेणियों में बांट कर अपना सियासी वजूद बढ़ाने में लग गयी है। एक श्रेणी में 200 सीटें जहां कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक है। बी श्रेणी में 50 सीटें जहां थोड़े प्रयास से जीत मिल सकती है। सी श्रेणी में 153 सीटें जहां पार्टी बेहद कमजोर है। लेकिन सामजिक समीकरण और नए चेहरे से सियासी गेम चेंज हो सकता है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पंचायत चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगी। पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाले और ज्यादा सदस्य बनाने वालों को पार्टी विधानसभा चुनाव में टिकट देगी। यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय कहते हैं हम अगली बार विधान सभा चुनाव में और बेहतर रिजल्ट देंगे।
संगठन को मजबूत करना है
पार्टी ने तय किया है कि 100 दिन के अंदर प्रदेश की सभी 403 विधानसभाओं में बूथ लेवल, ब्लॉक लेवल, जिला और मंडल स्तर पर संगठन को मजबूत करना है। तीनों श्रेणियों के अनुसार कार्यकर्ताओं की तैनाती, सोशल मीडिया नरेटिव और जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। डिजिटल डेटा, जातीय समीकरण और स्थानीय फीडबैक के आधार पर बूथ-स्तर पर माइक्रो प्लानिंग तैयार की जा रही है।कांग्रेस पार्टी 15 जून तक ब्लॉक से लेकर वार्ड अध्यक्षों की भी नियुक्ति कर देगी। इसको लेकर मंथन का दौर शुरू है। कांग्रेस ने जिला और शहर कमेटियों के गठन का काम पहले ही पूरा कर दिया है। इसके बाद पार्टी प्रदेश की कार्यसमिति का गठन भी कर देगी।
कांग्रेस का फोकस- दलित, पिछड़ा और युवा
इस कैटेगरी प्लान का मकसद साफ है- बूथ को मजबूत करो, मुद्दों को धार दो और 2027 के लिए जमीनी फाउंडेशन खड़ा करो। पार्टी अब हर जिले के लिए संगठन सृजन कोऑर्डिनेटर नियुक्त करेगी, जो हर सीट की जमीनी रिपोर्टिंग करेगा। इसी तरह ब्लॉक लेवल और जिला स्तर पर भी मानीटरिंग की व्यवस्था लागू होगी। संगठन को मजबूत करने के लिए सभी वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद, वर्तमान एवं पूर्व विधायकों को भी लगाया गया है। हम मिलकर अपने कार्यकर्ताओं की बदौलत काम कर रहे हैं।
पंचायत चुनाव में कांग्रेस अकेले मैदान में
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के मुताबिक, 2027 विधानसभा की चुनावी रणनीति को पंचायत स्तर से ही धार देना शुरू कर दिया है। इस बार हमारी पार्टी प्रदेश में पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी। इन्हीं चुनावों के प्रदर्शन को आधार बनाकर 2027 विधानसभा के टिकट दिए जाएंगे। पंचायत चुनाव में जो कार्यकर्ता जीतेगा या पार्टी को जीत दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा, उसे ही टिकट मिलेगा।अजय राय ने बताया कि पार्टी “संगठन आधारित उम्मीदवार चयन” के मॉडल पर काम कर रही है। अब टिकट सिर्फ पहचान, नजदीकी या सिफारिश से नहीं मिलेगा। जो जमीन पर दिखेगा, जो मेहनत करेगा, जो जनसमर्थन लाएगा, उसी को आगे बढ़ाया जाएगा।
अब 50 विधानसभा सीटों का लक्ष्य
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी की 6 सीटों पर जीत दर्ज की, 9 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। यानी कुल 15 सीटों पर सीधी टक्कर में दिखी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यही ग्राफ बरकरार रहा, तो 2027 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 40 से 50 सीटों पर मजबूती से लड़ने की स्थिति में आ सकती है। पार्टी का लक्ष्य है कि पंचायत से लेकर बूथ स्तर तक 5-स्तरीय नेटवर्क तैयार किया जाए, जो सिर्फ चुनावी वक्त में नहीं, हर समय एक्टिव रहे।
अबकी बार नहीं होगा
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद इमरान मसूद दावा करते हैं कि विधानसभा 2027 में सपा के साथ गठबंधन में पार्टी बराबरी पर बात करेगी। बराबरी का मतलब फिफ्टी-फिफ्टी। इमरान मसूद कहते हैं कि 2024 का फॉर्मूला 17 और 63 का अब 2027 में नहीं चलेगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के मुताबिक, हम सभी 403 विधानसभाओं में ऐसे चेहरे तैयार कर रहे हैं, जो दमदारी से चुनाव लड़ सकते हों। सपा के साथ गठबंधन का निर्णय पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। लेकिन, ये पार्टी के जनाधार की कीमत पर अबकी बार नहीं होगा।
कांग्रेस को 35 से 40 सीटें
सपा की ओर से अधिकतम कांग्रेस को 35 से 40 सीटें ही देने का संकेत दिया गया है। 2017 में ये गठबंधन मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ चुका है। तब सपा ने 298 सीटों पर और कांग्रेस ने 105 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली 17 सीटों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा सीटों की बात करें, तो ये संख्या 118 के लगभग होती है।