
Congress is not grtting candidates in delhi
नई दिल्ली (ब्यूरो)। दिल्ली विधान सभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की अपनी राजनीति है।अपना नजरिया है।वो आम आदमी पार्टी को अपना सियासी दुश्मन घोषित कर दी है। दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार सियासी पारा काफी चढ़ा हुआ है, क्योंकि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के खिलाफ इस बार बीजेपी और कांग्रेस भी आक्रामक है।कांग्रेस अभी तक वो 48 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। लेकिन 22 उम्मीदवार घोंषणा होना अभी भी बाकी है। ऐसे में दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र यादव का कहना है कि हम नए चेहरों को मौका दे रहे हैं। चेहरों की भीड़ को कम कर रहे हैं। वहीं यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। इसलिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हो रही है।
अच्छे उम्मीदवार नहीं मिल रहे
कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में 21 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया था। इसके बाद आई दूसरी सूची में 26 उम्मीदवारों का नाम तय किया गया। तीसरी लिस्ट में कालकाजी सीट से कांग्रेस ने अलका लांबा का नाम घोषित हुआ। तीन लिस्ट के बाद पार्टी 48 नाम घोषित कर चुकी है। अभी 22 नाम बाकी है। दावा ये भी किया जा रहा है कि पार्टी को अच्छे उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने इन कयासों को खारिज किया है।
कांग्रेस अच्छे चेहरों को शॉर्टलिस्ट कर रही
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उम्मीदवार न मिलने के कयासों को मजाक बताया। उन्होंने कहा कि हम बहुत अच्छे चेहरों को शॉर्टलिस्ट कर रहे हैं। बची हुई सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए आगे आए लोगों में से सर्वश्रेष्ठ को शॉर्टलिस्ट करना वाकई मुश्किल होता जा रहा है। इसके लिए एक प्रक्रिया है। हम अभी उसका पालन कर रहे हैं, और अगले हफ़्ते कभी भी, हम उम्मीद कर सकते हैं कि अंतिम सूची भी जारी हो जाएगी।
कांग्रेस ने नए चेहरों को शामिल किया
दिल्ली चुनाव 2025 के लिए प्लानिंग को लेकर देवेंद्र यादव ने कहा कि हमारे सामने यह चुनौती थी कि बहुत सारे पुराने चेहरे थे, वे बार-बार चुनाव लड़ते थे। लोग हर बार एक ही पुराने चेहरों से ऊब चुके थे, और हम पार्टी में कुछ नया खून भी भरना चाहते थे। यह बहुत ही सोच-समझकर किया गया कदम है, जिसमें हमने इन नए चेहरों को शामिल किया है। वे सभी पढ़े-लिखे हैं। देवेंद्र यादव ने कहा कि वे संगठन से भी जुड़े हुए हैं, जिन्होंने कार्यकर्ताओं, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस के साथ काम किया है और आखिरकार, उनमें से ज़्यादातर पीसीसी में भी हैं। इसलिए, उन्हें उनके विशेष निर्वाचन क्षेत्र से जोड़ना कोई मुद्दा नहीं है। बल्कि, उनकी एक साफ छवि है। उनमें वह आग है। वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं और परिणाम दिखाई दे रहे हैं। नियमित सर्वेक्षण और हमें जो प्रतिक्रिया मिल रही है, वह बहुत अच्छी है।