
बालाघाट। मंडला जिले में हाल ही में नक्सल रोधी अभियान (Naxal Operation) के दौरान मारा गया एक व्यक्ति नक्सली नहीं, बल्कि आम आदिवासी था । बालाघाट (Balaghat) जोन के पुलिस महानिरीक्षक (IG) संजय कुमार ने यह जानकारी एक समाचार एजेंसी को दी ।इसके साथ ही इस मामले पर राज्य में राजनीति गरमा गई है।पुलिस ने अभी तक नहीं स्वीकारा कि गलती हो गयी। बैगा को नक्सली ही बताने में लगी रही। अब जब सच्चाई सामने आई तो पुलिस के खिलाफ राजनीति शुरू हो गयी है। राज्य सरकार की ओर से भी कोई बयान नहीं आया है। वहीं काग्रेस ने न्यायिक जांच की मांग की है।
न्यायिक जांच की मांग
कांग्रेस ने घटना की उच्च स्तरीय और न्यायिक जांच की मांग की है ।अधिकारियों ने बताया कि हिरन सिंह पार्थ (38) नाम का व्यक्ति बैगा समुदाय से ताल्लुक रखता था, जो विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह से आता है । इसके साथ ही विपक्षी कांग्रेस ने दावा किया है कि मारा गया व्यक्ति निर्दोष था।
पुलिस ने बताया नक्सलियों का साथी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ नौ मार्च को हुई थी और मारे गए व्यक्ति की पहचान देर से हो पाई । बालाघाट जोन के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने बताया कि पार्थ, जिले के खटिया इलाके में जंगल के अंदर नक्सलियों के साथ था. हालांकि, उन्होंने बताया कि वह नक्सलियों के साथ कैसे था? यह जांच का विषय है । नक्सली अक्सर आदिवासियों के साथ घूमते हैं । लिहाजा, हम जांच के बाद ही नक्सलियों के साथ संबंध के बारे में कुछ कह सकते हैं।
मृतक बैगा निकला