
Concern with social work
बालाघाट। गरीब तबके की जिन्दगी के लिए थोड़ी सी संवेदनाएं हो तो दुनिया बदल सकती है। और यह काम बलाघाट की आदर्श दानपात्र सेवा समिति कर रही है। जीवन की तपती दोपहरी में जब उम्मीद की एक ठंडी छांव मिलती है तो वह सिर्फ राहत नहीं होती , उम्मीद होती है। भरवेली पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम टेकाड़ी में झाड़ू बनाकर जीवनयापन करने वाले खानाबदोश परिवारों के लिए ऐसा ही एक उम्मीद भरा दिन था।
बचपन मुस्कराए
आदर्श दानपात्र सेवा समिति बालाघाट के द्वारा जन सहयोग के माध्यम से इन परिवारों को नवीन वस्त्र तथा उनके बच्चों को खिलौने वितरित किए गए। ये केवल कपड़े और खिलौने नहीं थे। ये उन सपनों की पहली झलक थे जो अब तक सिर्फ आँखों में पलते थे। जहाँ एक ओर गर्मियों की छुट्टियों में बच्चे नई नई जगहों पर घूमने, नई चीजें पाने की खुशियों में मग्न होते हैं। वहीं दूसरी ओर ये ऐसा परिवार है, जो रोजमर्रा की जरूरतें भी संघर्षो से पूरी करते हैं। इनका परिवार उन खुशियों से अछूता रह जाता है। इसी अंतर को मिटाने की एक कोमल कोशिश थी यह सेवा! ताकि समाज के हर कोने में बचपन समान रूप से मुस्कराए।
विश्वास बांट रहे थे
समिति के एक सदस्य ने भावुक होकर कहा कि हम केवल कपड़े और खिलौने नहीं बाँट रहे थे, हम यह विश्वास बाँट रहे थे कि कोई है जो उन्हें देख रहा है। समझ रहा है, और साथ खड़ा है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के चेहरों पर जो चमक थी, उसने यह सिद्ध कर दिया कि समाज में अगर थोड़ीसी भी संवेदना हो, तो बदलाव संभव है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस पहल की भूरी भूरी प्रशंसा की और इसे मानवता का सच्चा उत्सव बताया। यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि जब सेवा भावना और सामाजिक जिम्मेदारी एक साथ आती हैए तो न केवल जरूरतमंदों की मदद होती है, बल्कि पूरा समाज समृद्ध होता हैं।