
Complete land acquisitionproceeding-mina
बालाघाट। कलेक्टर मृणाल मीना ने बुधवार को वारासिवनी क्षेत्र का भ्रमण करते हुए नवनिर्मित सीएम राइज स्कूल, कृषि महाविद्यालय तथा नगर में बन रहे रेलवे ओव्हर ब्रिज सहित अन्य कार्यो का जायजा लिया। निरीक्षण के प्रारम्भ में वे सीएम राइज स्कूल पहुँचे। यहाँ उन्होंने सीएम राइज स्कूल के निर्माण, साफ सफाई सहित स्कूली व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इसके बाद नगर में निमार्णाधीन रेलवे ओव्हर ब्रिज के कार्य की वस्तु स्थिति देखते हुए एसडीएम को मकानों के भू-अर्जन के लिए मकानों मालिको के साथ करने के निर्देश दिए है। साथ ही ब्रिज निगम के एसडीओ को रेलवे के साथ बैठक कर रेलवे द्वारा की जा रही देरी को तत्प्रता से प्रारम्भ कराने की हिदायत दी है। इसके अलावा कलेक्टर मीना ने मुर्झड स्थित कृषि महाविद्यालय, मत्स्य फार्म और फिर चंदन नदी पर बन रहें ब्रिज, नगर में ही बन रहे एसडीएम कार्यालय और मदनपुर में मनरेगा अंतर्गत हितग्राहीमूलक योजना में बन रहें बलराम तालाबों को स्थिति देखी।
भू-अर्जन की कार्यवाही शीघ्रता से करें
नगर में निमार्णाधीन ओव्हर ब्रिज के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने एसडीएम पांडे और एसडीओ को निर्देश दिए कि अतिक्रमण हटाकर शेष स्थान मकानों का भू-अर्जन की कार्यवाही शीघ्रता से करें। एसडीएम पांडे ने बताया कि 6 मकानों के प्रकरण लगाए जा चुके है। शेष 8 की सहमति की कार्यवाही जारी है। इस पर कलेक्टर मीना ने निर्देश दिए है कि मकान मालिकों व रेलवे के अधिकारियों के साथ पृथक-पृथक बैठक कर निर्माण कार्य तेजी से करें। साथ ही मकान मालिक से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शासकीय गाइड लाइन के अनुसार ही सभी प्रभावितों को राशि प्रदान की जाएगी। ब्रिज एसडीओ सनोडिया ने बताया कि 15.98 करोड़ की लागत से बन रहें ब्रिज का 55 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। 458 मीटर लम्बे इस ब्रिज 10 स्लैब में से 5 बन चुकी है। 3 स्लैब का कार्य रेलवे के कारण रुका है।
संग्रहालय का निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर मीना ने कृषि महाविद्यालय में बनें संग्रहालय का निरीक्षण किया। यहां बालाघाट व मंडला के नागरिको द्वारा उपजाई जाने वाली 160 किस्मों को संग्रह किया गया है। साथ ही ऐसी किस्में भी प्रदर्शित की गई है जो केवीके द्वारा शोध की गई है। उन्होंने जानकारी देते हुए अवगत कराया कि बालाघाट की चावल की चार किस्मों को भारत शासन के गजट में भी प्रकाशित कराया गया है। कृषि महाविद्यालय के डॉ. बिसेन ने रक्तशाली, चंगोटोला में विशेष रूप से उपजने वाली पीला चावल की किस्म,प्राकृतिक रूप से बायोफोर्टिफाइड वाली किस्म, बैसान, पोहा चावल और लवकुश धान की किस्मों के बारे में विस्तार से बताया गया। कलेक्टर मीना ने महाविद्यालय में बने आॅडोटोरियम को पूर्ण रूप से सुसज्जित व आकर्षक बनाने के लिए मंडी बोर्ड को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए है। कलेक्टर मीना ने मुर्झड स्थित मछली पालन का जबलपुर संभाग के सबसे बड़े फॉर्म का अवलोकन भी किया। यहाँ मत्स्य अधिकारी श्रीमती पूजा रोडगे ने बताया कि बारिश के दौरान ही स्पॉन उत्पादन होता है। बालाघाट को 25 करोड़ स्पॉन उत्पादन की क्षमता वाला फॉर्म है। करीब 2.50 हेक्टेयर क्षेत्र में बने फॉर्म में 4 ब्रूडर पोंड और 8 इन्क्यूबेशन पोंड बने है।