
CM went without speaking in the rape case of tribal girls

बालाघाट। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 12 मई लांजी, बालाघाट का दौरा किया, लेकिन उन्होंने हाल ही में हट्टा थाना क्षेत्र में चार आदिवासी नाबालिग बालिकाओं के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की जघन्य घटना पर एक शब्द भी नहीं बोला और न ही पीड़ित परिवारों से मिलने गए। क्या मुख्यमंत्री जी का यह मौन उन आदिवासी परिवारों के दर्द और पीड़ा के प्रति उनकी उदासीनता को दर्शाता है, जो इस अमानवीय अपराध के बाद न्याय की आस में हैं? उक्त बातें संजय उयके विधायक बैहर एवं अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी ने कहीं।
आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालाान पेश करने के दौरान पुलिस ने पेश किया
लापरवाही पर कोई सवाल न उठे
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने लांजी में अपने दौरे के दौरान विभिन्न विकास योजनाओं और जनकल्याणकारी घोषणाओं पर तो लंबे-चौड़े भाषण दिए, जिसमें कमलापति स्टेशन,टंट्या मामा , आदिवासी गौरव की तो खूब बढ़ चढ कर बात कि लेकिन पीड़ित परिवारों से मिलने या उनके लिए कोई सहायता/न्याय की घोषणा करने में उनकी क्या मजबूरी थी? क्या यह सच नहीं कि मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज की बेटियों के साथ हो रहे अत्याचारों पर सरकार की चुप्पी अपराधियों के हौसले बढ़ा रही है? क्या मुख्यमंत्री जी का यह व्यवहार यह नहीं दर्शाता कि उनकी प्राथमिकता केवल राजनीतिक लाभ और प्रचार है, न कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों को न्याय दिलाना?उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जानबूझकर इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी साधी, ताकि उनकी सरकार की नाकामियों और पुलिस-प्रशासन की लापरवाही पर कोई सवाल न उठे।