
Check the answer copy of professor students by becoming peon
भोपाल। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम स्थित एक काॅलेज में चपरासी का वीडियो वायाल हो रहा है। चपरासी इस वीडियो में पीजी काॅलेज के छात्रो की आंसर कापी चेक करता दिखा।वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग मे हड़कंप मच गया। छात्रों और उनके परिजनों ने इस पर रोष जजाया। मामले ने तूल पकड़ा तो उच्च शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए प्रोफेसर को संस्पेड कर दिया है।
चौंकाने वाली घटना
बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कॉलेज में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पिपरिया के शहीद भगत सिंह शासकीय पीजी महाविद्यालय में एक चपरासी ने हिंदी की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर दिया। चपरासी के कॉपी चेक करने की घटना तुरंत फैल गई। सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला सामने आया था।
जांच के बाद निलंबन की कार्रवाई
उच्च शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए। जांच के बाद चपरासी और एक अतिथि शिक्षक पर कार्रवाई हुई। प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और डॉ. रामगुलाम पटेल को भी निलंबित कर दिया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल है वीडियो
यह मामला तब सामने आया जब उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग हरकत में आया, विभाग ने तुरंत जांच शुरू की। जांच में पता चला कि विश्वविद्यालय ने उत्तर पुस्तिकाएं कॉलेज में मूल्यांकन के लिए भेजी थीं। यह जिम्मेदारी अतिथि शिक्षक खुशबू पगारे को दी गई थी। खुशबू पगारे ने इन उत्तर पुस्तिकाओं को राकेश कुमार मेहर को सौंप दिया। राकेश कुमार मेहर को इसके लिए 7 हजार रुपए का भुगतान किया गया था। राकेश कुमार ने फिर पन्नालाल से जांच कराने का सौदा 5 हजार रुपए में किया।
चपरासी ने खुद ही जांच दी कॉपियां
चपरासी पन्नालाल को ठेका मिलने के बाद, उसने खुद ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया। 3 अप्रैल को जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग को सौंपी। टीम ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। इसके बाद प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और डॉ. रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया गया।