
Bulldozer action unconstitutional
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को असंवैधानिक करार दिया। है। कहा है कि कार्यपालिका न्यायपालिका न बने। किसी का भी घर गिराने से पहले उसे 15 दिन की नोटिस दी जाएगी। वह भी रजिस्टर्ड डाॅक से भेजी जाएगी। घर पर नोटिस चस्पा किया जाएगा। बताना होगा कि घर अवैध कैसे है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से योगी आदित्यनयाथ को झटका लगा है। क्यों कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2022 की रैली में बुलडोजर को अपना चुनावी सिंबल भी बना लिया था। उनकी हर रैली में बुलडोजर रखा जाता था और उसे दिखाकर योगी लोगों से अपील करते थे।
योगी के लिए झटका
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बात साफ है कि कोई बीजेपी सरकार किसी का घर मनमाने ढंग से अब नहीं गिरा सकती। देश में सन! 2017 से 2024 तक 1900 से ज्यादा बुलडोजर की कार्रवाई हुई है।इनमें सबसे ज्यादा बुलडोजर की कार्रवाई यूपी में हुई है। अकेले उत्तर प्रदेश में पिछले 7 साल में बुलडोजर की करीब 1500 कार्रवाई हुई है। यूपी सरकार के मुताबिक ये सभी कार्रवाई अवैध निर्माण पर की गई है। वहीं याचिकाकर्ताओं का कहना था कि बुलडोजर की कार्रवाई मुसलमान आरोपी देखकर की गई है।
बुलडोजर अब बेलगाम नहीं
वहीं अब सुप्रीम फैसले ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है क्राइम कंट्रोल को लेकर अब योगी सरकार को दूसरा मजबूत तरीका ढूंढना होगा। इससे इंकार नहीं है कि बुलडोजर की कार्रवाई ने योगी आदित्यनाथ की छवि को एक कठोर प्रशासक की बन गयी थी। उन्हें सियासी गलियारों में बुलडोजर बाबा की उपाधि दी गई थी। हाल ही में बुलडोजर एक्शन पर मचे घमासान पर योगी ने कहा था कि इसे चलवाने के लिए दिल और जिगरा की जरूरत होती है। लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद अब बुलडोजर बेलगाम नहीं हो सकता।
चुनाव में बड़ी भूमिका
बुलडोजर की कार्रवाई से उत्तर प्रदेश में मुसलमान मुखर नहीं थे।अब सियासी तौर पर मुखर होंगे और 2027 के चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। पहले से ही पीडीए की वजह से बैकफुट पर चल रही योगी सरकार के लिए भी यह एक सियासी झटका साबित हो सकता है। इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ की देखा देखी ही बीजेपी के अन्य राज्यों के सी.एम. बुलडोजर कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे थे। अब ऐसा नहीं हो पाएगा।