
Buffalo ran and saved the shepherd from tiger in balaghat
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। बालाघाट के दक्षिण वनमंडल के कटंगी परिक्षेत्र में गुरुवार को एक बाघ ने गाय का शिकार करने के बाद 43 वर्षीय विट्ठल भारतराव आसटकर चरवाहे पर हमला कर दिया। विट्ठल भारतराव की भैंस पास ही चर रही थी।वो दौड़ पड़ी। भैंस को देखकर टाइगर भाग खड़ा हुआ। फिर भी टाइगर ने चरवाहे पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। बाघ के हमले से चरवाहे के सीधे हाथ की कोहनी में गहरा जख्म हुआ है। उन्हें वन विभाग की ओर से तत्काल पांच हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गयी।
जंगल की ओर भाग गया टाइगर
यह घटना कटंगी परिक्षेत्र के कन्हड़गांव सर्किल में अंबेझरी बीट के कक्ष क्रमांक 570 में हुई। 43 वर्षीय विट्ठल भारतराव आसटकर ने बताया- मैं रोज की तरह अपनी गाय और भैंस को चराने जंगल गया था। इसी दौरान जंगल से निकले एक बाघ ने गाय पर हमला कर दिया। जब मैंने गाय को बचाने के लिए शोर मचाया तो बाघ ने गाय को छोड़कर मुझ पर हमला कर दिया।विट्ठल के मुताबिक, बाघ ने मुझ पर झपटा, लेकिन पास में ही चर रही मेरी भैंस दौड़कर बाघ की तरफ आई। इससे घबराकर बाघ मुझे छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।
घायल को 5000 रुपए की मदद
घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर डिप्टी रेंजर ओ.पी. जगने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायल विट्ठल को कटंगी अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। डिप्टी रेंजर ने बताया कि मृत गाय का पंचनामा तैयार किया जा रहा है। घायल को तत्काल 5000 रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। परिक्षेत्र अधिकारी बाबूलाल चढ्ढार के अनुसार, नियमानुसार इलाज के लिए भी विभाग की ओर से राशि प्रदान की जाएगी।
टाइगर के हमले की वारदात बढ़ी
क्षेत्र में यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 10 जुलाई को भी इसी बीट में बस्तीराम नामक एक युवक पर बाघ ने हमला किया था। वह भी गाय चराने गया था। एक अन्य घटना में बाघ एक व्यक्ति को मारकर उसकी कमर के नीचे का मांस खा गया था। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जब जंगल की ओर जाते हैं, तो बाघ उन पर हमला कर देते हैं।टाइगर के हमले की बढ़ती वारदात से ग्रामीण क्षेत्र के लोग दहशतजदा हैं।