
लखनऊ।(रिजवान सिद्दकी) उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए मायावती हर सीट पर हाथी को दौड़ाने में लग गयी हैं। उपचुनावों में चार सीटें ऐसी हैं जहां बसपा की सोशल इंजीनियरिंगए बीजेपी के हिंदुत्व को झटका दे सकती है। द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार मायावती लोकसभा चुनाव की ही रणनीति पर काम कर रही हैं। उन्होंने उसी के आधार पर नौ सीटों पर उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों को उतारा है।
टिकट बंटवारे में साधे समीकरण
मायावती को एक बार फिर लगा कि वो सोशल इंजीनियरिंग के बगैर राजनीति नहीं कर सकती। इसलिए उन्होंने वही फार्मला अपनाया है। नौ सीटों पर चार सवर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। जिनमें से दो ब्राह्मण एक राजपूत और एक वैश्य है। कानपुर की सीसामऊ सीट पर पार्टी ने वीरेंद्र शुक्ला को टिकट दिया है। जबकि बीजेपी की तरफ से सुरेश अवस्थी और सपा की तरफ से निष्कासित विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी चुनावी मैदान में हैं। मिर्जापुर की मझवां सीट की बात करें तो बसपा ने यहां से दीपक तिवारी को उतारा है। जाहिर सी बात है कि बीजेपी के हिन्दू कार्ड को बसपा गच्चा देना चाहता है। लोकसभा चुनाव में भी मायावती ने बीजेपी को भारी नुकसान किया था। इस बार उप चुनाव में भी यही अंदेशा है।
टिकट की नयी चाल
प्रयागराज की फूलपुर से बीजेपी ने दीपक पटेल को टिकट दिया है,जबकि बसपा ने जितेन्द्र सिंह के रूप में राजपूत उम्मीदवार को चुना है। सपा की तरफ से यहां मुज्तबा सिद्दीकी हैं। गाजियाबाद सदर बनिया बहुल आबादी वाला क्षेत्र है, यहां मायावती ने बीजेपी के वोट बैंक को चपत लगाने के लिए परमानंद गर्ग को टिकट दिया है। यह माना जा रहा है कि बीएसपी अपने मुख्य अनुसूचित जाति के वोट बैंक को उम्मीदवार की जाति के वोट बैंक के साथ जोड़कर चुनाव में नए सिरे से जोर लगाने की रणनीति पर काम कर रही है।
पुरानेे फार्मूले पर लौट बीएसपी
बीएसपी एक बार फिर अपने पुराने सियासी फार्मूले की ओर लौट रही है। बीएसपी ने मैनपुरी की करहल सीट से शाक्य उम्मीदवार को टिकट दिया हैए, जो एक ऐसा वोट बैंक है जो भाजपा और सपा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि दोनों ने एक ही यादव प्रत्याशियों को टिकट दिया है। तीन सीटों पर बसपा के उम्मीदवार सपा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में हैं। जिसमें मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा से लेकर मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट शामिल है। यहां बीएसपी ने मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है और कटेहरी में उसने कांग्रेस से आए कुर्मी समाज के अमित वर्मा पर भरोसा जताया है।
बागियों को सबक
कटेहरी और मीरापुर में उम्मीदवारों के चयन से संकेत मिलता है कि मायावती अपने दलबदलुओं और बागियों को सबक सिखाना चाहती हैं। कटहरी में सपा ने अंबेडकर नगर के सांसद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को मैदान में उतारा है। जो कभी मायावती के विश्वासपात्र थे। मीरापुर में पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली की बेटी सपा से चुनाव लड़ रही हैं। मेरठ जोन के समन्वयक पद से हटाए गए मुनकाद अली ने अभी तक पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है।