Both politicians and actors are not safe in the double engine government -bhupesh
नई दिल्ली (ब्यूरो)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में नेता-अभिनेता ही सुरक्षित नहीं है। साथ ही कहा कि, बस्तर में भ्रष्टाचार उजागर करने पर जेल या मौत की सजा मिलती है। ईडी ने 2021-22 में कार्यवाही शुरू किया तीन साल बाद कवासी लखमा की गिरफ्तारी हुई। कवासी लखमा ने विधानसभा में विष्णु देव सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था इसलिये बदले की भावना में उन पर कार्यवाही किया गया।
बिना टेंडर के पुल बने
कवासी लखमा ने पीडब्ल्यूडी विभाग के भ्रष्टाचार पर विधानसभा में सवाल पूछा था। तारांकित प्रश्न था, उसका लिखित जवाब भी आया, मंत्री ने खुद स्वीकार किया प्रदेश में जब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी, उस समय बिना विभाग की स्वीकृति के बिना टेंडर के पुल निर्माण करवा लिया गया। टेंडर उस दिन खुला जिस दिन कवासी ने सवाल लगाया था। बिना टेंडर के बिना स्वीकृति के आचार संहिता के समय पुल बन रहा था। इस मामले को कवासी लखमा ने प्रमुखता से उठाया। सरकार, दोषी अधिकारी और ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय आठ दिन के भीतर ईडी ने कवासी लखमा और उनके परिवार के लोगों के यहां छापे मारे। छापे में कवासी लखमा यहां एक रुपया भी नहीं मिला और कोई कागजात भी नहीं मिला और उसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। उनको इसलिये गिरफ्तार कर लिया गया।
सड़क बनी नहीं, 90 फीसदी भुगतान
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार और विष्णुदेव सुशासन वाली सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया और बात यही तक नहीं रूकी कुछ दिन पहले पत्रकार मुकेश चंद्रकार सड़क मामले को उजागर किया। सड़क की स्वीकृति जो 50 करोड़ की सड़क है और लागत बढ़कर 142 करोड़ हो गया। सड़क बनी नहीं और 90 प्रतिशत भुगतान हो गया। तब पत्रकार की हत्या कर दी गई। मतलब यह है कि भ्रष्टाचार उजागर करेंगे तो ईडी गिरफ्तार कर लेगी या मौत की नींद सुला दिया जायेगा यह स्थिति है।
भागवत ने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया
भूपेश बघेल ने कहा कि, मोहन भागवत जी आरएसएस के प्रमुख हैं और उन्होंने कहा कि, आजादी राम मंदिर निर्माण के बाद हमें मिली। इसका मतलब वह संविधान को नहीं मानते। इसका दूसरा अर्थ यह भी हुआ कि आजादी की लड़ाई में हमारे पुरखों ने लाखों की संख्या में जो लड़ाई लड़ी उसका ये अपमान है। तीसरी बात, उनका जो संघर्ष है, उसे भी उन्होंने नकार दिया। RSS को तिरंगा को भी अंगीकृत करने में 52 साल लग गए।
छापे में कुछ नहीं मिला
बघेल ने कहा कि, छापे में 1 रुपए भी नहीं मिला। छापे में कागजात भी नहीं मिले, वैसे भी वे अनपढ़ हैं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने सुशासन वाली सरकार के भ्रष्टाचार को उन्होंने उजागर किया। बात यहीं तक नहीं रुकी कुछ दिनों बाद बीजापुर में सड़क में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने पर एक पत्रकार मुकेश चंद्राकर को मौत के घाट उतार दिया गया।
मास्टरमाइंड कोई और है -नितिन
बीजेपी प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने लखमा की गिरफ्तारी पर कहा कि, अपराध तो पूर्व आबकारी मंत्री ने किया है लेकिन मास्टरमाइंड तो अभी पीछे बैठा है। कानून इतना मजबूत है कि उस मास्टरमाइंड को भी पकड़ निकालेगा।नबीन ने आगे कहा कि, बघेल ने एक आदिवासी को मोहरा बनाकर शराब घोटाला किया है, बघेल यह अच्छी तरह समझ लें कि शराब घोटाले में संलिप्त कोई भी आरोपी बिल्कुल नहीं बचेगा, चाहे वह कोई भी हो।