
BJPS lotus blossomedin the hands of congress
रायपुर। कांग्रेस की नाराजगी से गुस्साए रायपुर दक्षिण की जनता ने बीजेपी को वोट कर दिया। बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी 46176 वोटों से जीते। जबकि कांग्रेस बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी पर आरोप लगाती रही कि ये निष्क्रिय है। राज्य में महतारी योजना का असर है ही साथ यह जीत बृजमोहन अग्रवाल के अलावा विष्णुदेव साय सरकार के काम काज की है। इस जीत में सुनील सोनी को कोई योगदान भेल न हो लेकिन हाथ में भाजपा का कमल खिल गया रायपुर दक्षिण में भी।
आधिकारिक ऐलान होना बाकी
रायपुर दक्षिण उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने बड़ी जीत दर्ज की है। सुनील सोनी ने कांग्रेस के आकाश शर्मा को 46,167 वोटों से हरा दिया है। सुनील सोनी को कुल 89,220 वोट मिले हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी आकाश शर्मा के पक्ष में 43,053 वोट पड़े हैं। पोस्टल बैलेट से भाजपा को 161 और कांग्रेस को 76 वोट मिले। वोटों की गिनती खत्म हो गई है। आधिकारिक ऐलान होना बाकी है। इससे पहले रायपुर दक्षिण उपचुनाव में 17वें राउंड में उनकी लीड 40 हजार के पार पहुंच गई थी।
महापौर के वार्ड में भाजपा को लीड
महापौर एजाज ढेबर और प्रमोद दुबे के वार्ड में भी भाजपा को लीड मिली। बीजेपी में जहां जश्न का माहौल है वहीं कांग्रेस भवन में सन्नाटा है। इस पर कांग्रेस नेता धनेंद्र साहू बोले- जनता को पैसा चाहिए। तस्वीर पहले राउंड से ही साफ हो गई थी। सुनील सोनी निर्णायक बढ़त की तरफ बढ़ रहे थे। बिल्कुल टक्कर की स्थिति नहीं दिख रही। हर राउंड में भाजपा आगे रही। वहीं आकाश शर्मा हर राउंड में पीछे रहे।
उपचुनाव पर नहीं पड़ा असर
छत्तीसगढ़ में उप चुनाव के दौरान कांग्रेस बड़े बड़े मुद्दे उछाल रही थी। लेकिन उन मुद्दों का असर चुनाव में जरा भी नहीं पड़ा। सवाल भी उठाए लेकिन रायपुर दक्षिण में बृजमोहन अग्रवाल के नाम और भारतीय जनता पार्टी के निशान ने फिर काम कर दिया। सूरजपुर कांड, बलरामपुर कांड, बलौदाबाजार कांड, कवर्धा कांड समेत कई स्थानों पर कानून को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए। रायपुर में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बहुत खराब होने का मुद्दा उठाया, लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ा। माना जा रहा था कि रायपुर दक्षिण में सुनील सोनी पहली पसंद नहीं थे। इसका कारण था कि सभी चाहते थे कि दूसरे चेहरे को मौका मिले। एक ही चेहरे को बार-बार मौका न दिया जाए। इस वजह से केदार गुप्ता, मीनल चौबे, मृत्युंजय दुबे जैसे कई नाम उम्मीदवारों में शामिल थे, लेकिन ये नाराजगी कहीं से भी बाहर नहीं आई, लेकिन बृजमोहन अग्रवाल सुनील सोनी के लिए लगे रहे।