
BJPS former mla convicted of rape bail
नई दिल्ली (ब्यूरो)। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार कांड के दोषी पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को एक दिन की जमानत दी है। हाई कोर्ट ने सेंगर को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए एक दिन की अंतरिम जमानत दी है। कुलदीप सेंगर को 4 फरवरी को आंख की सर्जरी कराने के लिए मेडिकल जमानत दी गई।
अस्थायी जमानत
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस यशवंत शर्मा और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने सेंगर को पांच फरवरी को जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। इससे पहले कोर्ट ने 24 जनवरी को होने वाली सर्जरी के लिए सेंगर को अस्थायी जमानत भी दी थी।
जेल में आत्मसमर्पण
चूंकि उस दिन प्रक्रिया नहीं हो सकी, इसलिए उन्होंने जेल में आत्मसमर्पण कर दिया और फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने आज दलील दी कि सर्जरी के बाद सेंगर को निगरानी के लिए दो अतिरिक्त दिन की आवश्यकता होगी। हालांकि, कोर्ट ने एक दिन से अधिक के लिए मेडिकल जमानत देने से इनकार कर दिया।
मेडिकल जमानत पर रिहा
आज का आदेश सेंगर को मेडिकल जमानत पर रिहा किए जाने का तीसरा मामला होगा। कोर्ट ने शुरू में सेंगर को एम्स द्वारा उनकी स्थिति का चिकित्सा जांच कराने के लिए 20 दिसंबर 2024 तक चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी थी।इसके बाद, चिकित्सा जमानत को 4 सप्ताह के लिए यानी 20 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था। साथ ही कहा गया था कि इससे आगे जमानत नहीं बढ़ाई जाएगी। जिसके बाद सेंगर ने अपनी मेडिकल जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद 20 जनवरी को तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।
बलात्कार मामले में दोषी
सेंगर को 2019 में उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी ठहराया गया था। यह मामला एक नाबालिग से जुड़ा है, जिसका 11-20 जून, 2017 के बीच अपहरण कर बलात्कार किया गया था। फिर उसे 60,000 रुपये में बेचा गया, जिसके बाद उसे उन्नाव के माखी पुलिस स्टेशन से बरामद किया गया। पीड़िता को तब सेंगर के निर्देशानुसार पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार धमकाया और मुंह खोलने से मना किया गया। इधर-उधर भागने के बाद 2018 में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को अपराध के लिए दोषी ठहराया और 2019 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है।