
BJPS bulldozer MLA defied the supreme court
रीवा।(रमेश तिवारी ‘रिपु’) ।सरकार कहती है कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए। लेकिन मऊगंज के BJP . MLA प्रदीप पटेल अपने आप को SUPREME COURT से ऊपर मानते हैं। इसीलिए वो कलेक्टर की कार्रवाई का इंतजार नहीं किये खुद बुलडोजर लेकर पहुंच गए खटखरी
चौकी क्षेत्र में स्थित देवरा महादेवन मंदिर की बाउंड्री गिराने। मंदिर की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की सियासी पहल पर बवाल हो गया। तीन लोग के सर फूटे। साम्प्रदायिक दंगा होते होते बचा। कुछ दिन पहले ही SUPREME COURT ने कहा था कि बुलोडजर न्याय की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो सकता। कोई भी अतिक्रमण हटाने के पहले रजिस्टर्ड नोटिस दिया जायेगा। और बताना होगा कि अतिक्रमण है। और कैसे है।
विधायक के खिलाफ मामला दर्ज
मऊगंज के BJP . MLA प्रदीप पटेल दूसरे सांसद जनार्दन मिश्रा,दोनों सुर्खियों की राजनीति करते हैं। एक उटपटांग बयान और टायलेट साफ करके। दूसरा बवाल करके। सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंदिर से लगी जमीन पर अतिक्रमण किसने करने दिया। जब मुस्लिम कर रहे थे तब प्रशासन कहां था। यही BJP . MLA कहां थे। क्यों अतिक्रण करने दिया। आज अतिक्रण हटाने को राजनीतिक हथियार बना दिया।BJP . MLA प्रदीप सिंह पटेल के खिलाफ पुलिस ने सुरक्ष संहिता 2023 के तहत 126,135 और 170 के तहत मामल पंजीबद्ध किया गया है। अभी वो नजर बंद है। गिरफ्तार नहीं।

गलती प्रशासनिक अधिकारियों की
देवरा महादेवन गांव में बने मंदिर के पास जमीन पर मुस्लिमों द्वारा अतिक्रमण किये जाने की जानकरी कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को देने के बाद भी उन्होंने इस दिशा में कार्रवाई करने में देर क्यों की? जबकि कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने विधायक और संतोष तिवारी से कहा कि दो महीने का समय दें। प्रदीप पटेल का कहना था दो नहीं तीन महीने लें। तीन महीने बाद अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो प्रशासन से हमारा भरोसा उठ गया। हमने प्रशासन को 16 नवंबर का अल्टीमेटम दिया था। कहा था कि अगर 16 नवंबर तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो हम स्थानीय लोग मिलकर अतिक्रमण हटा देंगे। देवरा महादेवन गांव में दो समुदाय के बीच हुए पथराव के लिए प्रशासन की लापरवाही है। कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव ने धारा 163 लागू कर दी है। सवाल यह है कि क्या इससे समस्या का हल निकल जाएगा। जैसा कि BJP . MLA प्रदीप पटेल कहते हैं,नजर बंद से छूटने के बाद सीधे देवरा महादेवन गांव जाऊंगा। और वहां से अतिक्रमण नहीं हटा तो फिर यही बुलडोजर लेकर जाऊंगा। अभी रीवा पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन में विधायक प्रदीप सिंह पटेल और हिन्दूवादी नेता संतोष तिवारी 19 नवम्बर से नजरबंद हैं।

यदि फसाद फड़फड़ाता तो
महादेवन गांव में दो समुदाय के बीच केवल पथराव हुए। आगजनी की घटना घटी। यदि दंगा फसाद में तब्दील हो जाता तो क्या होता? मऊगंज को जिला बने दो साल भी नहीं हुए। और उसके माथे पर दंगा वाला जिला लिख जाता। जैसा कि प्रदीप सिंह पटेल कहते हैं, मुस्लिम लोग पत्थरबाजी करने लगे। पाकिस्तान जिंदाबाद बोल रहे थे। पाकिस्तान झंडे वहां बेचे जाते हैं। जाहिर सी बात है कि आने वाले समय में अतिक्रमण का मामला भयावह रूप ले सकता है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि दोबारा BJP . MLA प्रदीप सिंह पटेल के वहां जाने पर स्थिति अब पहले जैसे ही होगी,कल्पना बेमानी है। BJP . MLA के अनुसार 17 नवंबर को अतिक्रण हटाने की मांग को लेकर स्थानीय लोग फिर से धरने पर बैठे थे। 19 नवंबर को मैं हाल जानने के लिए मौके पर पहुंचा। उसी दौरान समुदाय विशेष के लोगों ने एसपी कलेक्टर और सभी अधिकारियों के सामने हम पर पथराव कर दिया। तो क्या यह मान लिया जाए कि दूसरे समुदाय को प्रशासन प्रश्रय दे रहा है। इसलिए उनकी मौजूदगी में पथराव किया। या फिर उनका इरादा खतरनाक था।

जनता का कहना है
मऊगंज के ज्यादातर लोगों की राय है कि मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण हटना चाहिए। विधायक ने जो किया ठीक किया। लीगल था या अनलिगल इससे हमें मतलब नहीं। सवाल यह है कि पुलिस ने केवल प्रदीप सिंह पटेल को नजरबंद क्यों किया। दूसरे समुदाय के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। पत्थरबाजों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी।BJP . MLA प्रदीप सिंह पटेल कहते हैं पुलिस और प्रशासन के लोग ही बता सकते हैं कि आखिरकार मेरे ऊपर क्या मुकदमा लगाया गया। मुझे क्यों नजरबंद करके रखा गया। अब प्रशासन से कोई सवाल नहीं करूंगा। जैसे ही यहां से छूटूंगा। फिर वही करूंगा जो करने मैं गया था। कांग्रेस क्या कह रही है, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा एक ही लक्ष्य है कि मंदिर की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाना।
आर पार की लड़ाई लड़ेंगे
BJP . MLA के साथ जनपद सदस्य ममता तिवारी के पति कुंज बिहारी तिवारी और प्रियेश पांडेय भी नजर बंद है। इन दोनों का कहना है अब तो जिद है। भले जान चली जाए, मगर जब तक अतिक्रमण नहीं हटेगा शांत नहीं बैठेंगे। यहां से छूटते ही उग्र आंदोलन करेंगे। लोगों को लेकर फिर एक बार मौके पर पहुंचेंगे। हम आर पार की लड़ाई लड़ेंगे।
बाउंड्री का विवाद
संतोष तिवारी का कहना है कि महादेवन गांव में मुख्य विवाद दो एकड़ की बाउंड्री को लेकर हैं। प्रशासन का कहना है कि जिनके घर अवैध हैं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। इस बारे में हमारा कहना था कि घर से पहले आप बाउंड्री अतिक्रमण मुक्त करवा दीजिए। यदि ऐसा जल्द नहीं हुआ तो कुछ भी हो सकता है।
एक नई सियासत
रविवार सुबह करीब 11 बजे से हिंदू नेता संतोष तिवारी मंदिर के पास कब्जा हटाने की मांग लेकर अनशन पर बैठे थे। उनका कहना था कि 9 एकड़ जमीन में से 90 फीसदी जमीन पर मुस्लिम लोगों ने कब्जा किया हुआ है। इसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाना चाहिए।दो दिन तक जब प्रशासन ने कब्जा नहीं हटाया तो मंगलवार शाम करीब 4 बजे भाजपा कार्यकर्ता जेसीबी लेकर पहुंच गए। थोड़ी देर बाद BJP . MLA प्रदीप पटेल भी वहां पहुंच गए। विधायक ने कहा कि प्रशासन की बात पर अब भरोसा नहीं है। खुद अतिक्रमण हटाएंगे। विधायक प्रदीप पटेल ने बताया कि कब्जा हटाने के लिए चार महीने पहले प्रदर्शन किया था। कलेक्टर ने आश्वासन दिया था। इससे पहले भी कई बार ज्ञापन दिया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब सब्र का बांध टूट गया है।
बहरहाल ग्राम देवरा महादेवन में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक है। एसपी रचना ठाकुर के अनुसार स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। अफवाहों पर ध्यान न दें। कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव ने कहा, दोनों पक्षों से लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालात नियंत्रण में हैं।
इनका कहना है
खटखरी चौकी क्षेत्र में स्थित देवरा महादेवन मंदिर में करीब 9 एकड़ 27 डिसमिल जमीन है। इस जमीन पर मुस्लिम समुदाय और दलित परिवारों के करीब 70 से 75 घर हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों का दावा है कि यहां उनके पुश्तैनी मकान हैं। उनकी ओर से जबलपुर HIGH COURT में पिटीशन भी दायर की गई है। जाहिर सी बात है यह मामला इतनी जल्दी सुलझ जाएगा,नहीं लग रहा है।