
BJP will not make nitish CM
नई दिल्ली (रमेश तिवारी ‘रिपु’)।। बीजेपी की कोशिश रहेगी कि वह महाराष्ट्र की सियासी स्क्रिप्ट को बिहार में दोहराये। चुनाव लड़गी नीतीश को सामने करके, लेकिन असली खेल उसका कुछ और रहेगा। नीतीश की हालात वो एकनाथ शिंदे जैसी करने की तैयारी में है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि महाराष्ट्र में मिली अप्रत्याशित जीत के बाद बिहार में भी बीजेपी इस फार्मूले के तहत नीतीश कुमार का पत्ता काट देगी। कहा जा रहा है कि बिहार में जो विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उसमें कहने को चुनाव नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ा जाएगा लेकिन, नतीजे उनके पक्ष में आए तो मुख्यमंत्री की कुर्सी बीजेपी के पास चली जाएगी।
बीजेपी की सीट और नीतीश
बीजेपी ने बिहार विधान सभा की 243 सीट में 225 सीट जीतने का लक्ष्य तय कर रखा है। पीएम मोदी 24 फरवरी को बिहार जा रहे हैं। जाहिर सी बात है कि उनका भाषणा बीेजेपी के पक्ष में होगा। कांग्रेस पिछली बार 70 सीट पर चुनाव लड़ी थी जिसमें वो सिफ 19 सीट ही जीत पायी थी। मोदी ने बिहार को 70000 करोड़ का पैकेज दिये हैं। बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर उन्होने ऐसा किया है। और वो इसका पूरा फायदा उठाना चाहेंगे। नीतीश को इसका फायदा मिलेगा,इसमें संदेह है। जदयू ने पिछले विधानसभा चुनाव में में 115 सीटों में से 43 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी ने 110 में से 74 सीटों पर परचम फहराया था। यही स्थिति यदि इस बार भी रहा तो बीजेपी नीतीश को बाहर का रास्ता दिखा देगी,एकनाथ शिंदे की तरह। नीतीश डिप्टी सीएम बनेंगे,इसमें संदेह है। हालांकि जदयू नेताओं का कहना है कि उसने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी से बेहतर प्रदर्शन किया।
अमित शाह का बयान से हलचल तेज
बीजेपी नीतीश को कमजोर कर देनी की पूरी तैयारी में है। अंदर ही अंदर बीजेपी हाईकमान भी अपनी रणानीति को अंजाम अभी से देने मे लग गया। अमितशाह के एक बयान में सही सब कुछ है। देश की गृहमंत्री अमित शाह ने एक मीडिया इंटरव्यू में बड़ा बयान दे दिया। अमित शाह ने दो टूक बोला कि बिहार का चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा, यह फैसला एनडी मीटिंग में होगा। अब यह बयान बताने के लिए काफी रहा कि अभी भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि नीतीश कुमार आगे भी कुर्सी पर बने रह सकते हैं या फिर उन्हीं के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा।
बीजेपी नेता कर रहे नीतीश का बचाव!
वैसे नीतीश कुमार की अहमियत कितनी है,इसको बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के एक बयान से समझा जा सकता है। अमित शाह के स्टेटमेंट के तुरंत बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गृहमंत्री तो बस इतना दिखाना चाहते थे कि वे एक सच्चे कार्यकरता हैं और बीजेपी में हर फैसला पार्लियामेंट्री बोर्ड द्वारा लिया जाता है। जयसवाल ने जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार आगे भी एनडीए को बिहार में लीड करने वाले हैंए इस बारे में किसी को कोई दो राय नहीं होनी चाहिए।अंदरखाने जेडीयू के तमाम नेता भी मानकर चल रहे हैं कि बीजेपी को नीतीश कुमार की अहमियत पता हैए किसी भी कीमत पर पार्टी नीतीश को हटाकर बड़ा रिस्क नहीं लेगी।
नीतीश के साथ चराग पासवान
नीतीश कुमार के लिए एक बड़ा बूस्टर यह भी है कि अब चिराग पासवान की पार्टी भी खुलकर उनका समर्थन कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जरूर अनबन देखने को मिली थी, लेकिन बदले समीकरणों के साथ रिश्तों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। इसी वजह से जानकार मान रहे हैं कि नीतीश की कमजोर होती सियासत के बावजूद बीजेपी उनको पूरी तरह नजर अंदाज नहीं कर सकती। लेकिन यह सियासी रिश्ता केवल चुनाव तक बीजेपी निभायेगी। चुनाव परिणाम में यदि वो नीतीश पर भारी पड़ी तो बिहार में भी बीजेपी की सरकार बन जाएगी। वैसे नीतीश सियासत के बड़े खिलाड़ी है। इसीलिए चुनाव से पहले एक बार फिर लालू की ओर की झुक रहे हैं। लालू भी कह चुके हैं कि नीतीश के लिए दरवाजा खुला है। बहरहाल बिहार में कैसी हवा चलती है,यह चुनावी आम सभा तय कर देगी।