
Bhupeshs close tantric cheated 15 crores in the name of getting a tender of 500 crores
राष्ट्रमत न्यूज रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी कथित तांत्रिक के. के.श्रीवास्तव को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। सत्ता के करीब रहने वाले केके ने नटवर की तरह ठगने का खूब काम किया। सीएम से नजदीकी के चलते उसने रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 500 करोड़ का काम दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपए लिये थे। काम नहीं मिलने पर जब कारोबारी ने पैसा मांगा तो उसने उन्हें जान से मरवा देने की धमकी दी। के. के. बारह खाते में तीन सौ करोड़ रुपए का टाॅजेक्शन भी हुआ है। इसके खिलाफ ईडी जांच भी चल रही है।
सीएम हाउस तक पहुंच थी
के.के करीब 12 दिनों से पुलिस की रिमांड में था। रायपुर कोर्ट में अब के के.श्रीवास्तव के.मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी। कांग्रेस की सरकार में श्रीवास्तव का खासा दबदबा था। उसका सीएम हाउस में बे रोक टोक आना जाना था।जिसका उसने इस्तेमाल किया। स्मार्ट सिटी और एनआरडीए में 500 करोड़ का काम दिलाने के लिए उसने दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ लिए थे। अशोक को जब ठेका नहीं मिला तो उसने पैसे वापस मांगे। यहीं से मामला बिगड़ गया।

तेलीबांधा पुलिस ने सोमवार को केके श्रीवास्तव को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने दोबारा रिमांड लेने का कोई आवेदन नहीं दिया। इसके बाद कोर्ट ने श्रीवास्तव को जेल भेज दिया है। आरोपी श्रीवास्तव से पूछताछ में मिले तथ्यों पर आगे पुलिस कार्रवाई करेगी।केके श्रीवास्तव ने पुलिस के सामने कौन से राज खोले हैं, इसका खुलासा नहीं हुआ है। चर्चा है कि इस केस में कुछ और राजनीतिक हस्तियों की गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस गिरफ्तारी के लिए प्लानिंग कर रही है।
झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी की थी
दरअसल, स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर के प्रोजेक्ट में 500 करोड़ का काम दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी की थी। श्रीवास्तव के घर की तलाशी और खातों की जांच के दौरान 300 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है।पैसों के लेन-देन के लिए श्रीवास्तव ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के खाते का इस्तेमाल किया है। यह पैसा कर्ज का बताया जा रहा है। श्रीवास्तव को पुलिस ने 20 जून की रात भोपाल में छापा मारकर गिरफ्तार किया था। वहां वह हुलिया बदलकर रह रहा था।
इस तरह ठगा
कांग्रेस की सरकार में श्रीवास्तव का खासा दबदबा था। उसका सीएम हाउस में बे रोक टोक आना-जाना था। स्मार्ट सिटी और एनआरडीए में 500 करोड़ का काम दिलाने के लिए उसने दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ लिए थे।अशोक को जब ठेका नहीं मिला तो उसने पैसे वापस मांगे। श्रीवास्तव ने 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटाने का वादा किया। तय समय गुजरने के बाद पैसा नहीं दिया। रावत ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तो उसने बेटे कंचन के खातों से 3.40 करोड़ लौटा दिए। इसके अलावा तीन-तीन करोड़ के तीन चेक दिए।
खाते में 300 करोड़ का लेन-देन भी
ठग केके श्रीवास्तव के खातों की जांच में 300 करोड़ का लेन-देन मिला है। ये खाते EWS मकानों में रहने वालों के नाम पर हैं। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दिया है। पुलिस थाने में शिकायत के बाद ईडी केके भी श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी थी।
चेक को स्टाॅप श्रेणी में डाल दिया
कारोबारी के मुताबिक चेक देने के बाद केके ने स्टॉप श्रेणी में डाल दिया। इस वजह से चेक क्लियर नहीं हुआ। इसके बाद कारोबारी ने श्रीवास्तव को फोन लगाया तो उसने नक्सली और राजनैतिक रसूखदारों से पहचान होने की बात कहकर उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद रावत ने बाप-बेटे के खिलाफ तेलीबांधा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। दोनों की जिला से सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है।
निराला नटवर लाल
- श्रीवास्तव के 12 से ज्यादा खातों की जांच में 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला।
- गरीबों के खाते में जमा कराई थी करोड़ों की रकम, आश्रम भी चलाता था।
- ईडी ने भी केके श्रीवास्तव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अपराध दर्ज किया है।