
रीवा। एक वीडियो लोगों के मोबाइल में चल रहा है। जिसमें अपने आप को यूट्बर पत्रकार बताने वाले चार लोग एक ट्रक चालक को लूट लिया। पहले मांगा गया 70 हजार रुपए और फिर 30 हजार रुपए लेकर, सौदा पटा। रुपए लेकर अपनी अल्टो कार से चले गए।
कथित यूट्बर पत्रकार
मोबाइल आ जाने के बाद से कथित पत्रकारों की अचानक से बाढ़ आ गयी है। शहर में होने वाले ज्यादातर अपराध में ऐसे ही कथित पत्रकारों को देखा जा सकता है। नशे का कारोबार हो या फिर ब्लेकमेलिंग का धंधा हो निडर होकर कथित यूट्बर पत्रकार कर रहे हैं। और ऐसे ही पत्रकारों को पुलिस अफसर भी ज्यादा तवज्जो देते हैं। जिसका नतीजा यह है कि ये रात में नेशनल हाइवे के किनारे पुलिस वालों की तरह इंट्री वसूली करते हैं और फिर अपने आप को एसपी और आईजी का करीबी बताते हैं। बकायदा अपनेे मोबाइल से बात भी करते हैं। उनके मोबाइल में एसपी और आईजी लिखा होता है।
अल्टो कार यूपी की
रीवा शहर से लगे बनकुइंया बाई पास के समीप एक अल्टो जिसमें धनेन्द्र भदोरिया,गुरूदत्त तिवारी,राकेश शुक्ला,रहीम खान और विकास सिंह एक ट्रक वाले को रोकते हंै। और उसे डराते घमकाते हैं। तुम्हारे ट्रक में अनलिगल सामान है। तुम नहीं चाहते कि जेल जाना पड़े तो 70 हजार रुपए दो। ट्रक चालक के सामने वो एसपी से बात करते हैं। ट्रक चालक पहले पैसा देने को तैयार नहीं होता। बाद में वह 30 हजार रुपए दे देता है।इस डर से कि वाकयी मे कहीं उसे और उसके ट्रक को थाने में रात भर रुकना न पड़ जाए। कथित पत्रकार पैसा लेकर चले जाते हैं। उनके साथ एक बाइक में भी कथित पत्रकार था। कार अल्टो है। जिसका नम्बर यूपी 70 एफ सी 2874 है। ट्रक चालक समझदार निकला। उसकेे आदमियों ने कथित पत्रकारों का वीडियो बना लिया।
कार्रवाई होगी
चोरहटा थाना प्रभारी आशीष मिश्रा ने कहा कि सोनू चिकवा ने एक शिकायत पत्र दिया है। जिसमें बताया है कि उसके भाई से कथित पत्रकारों ने 30 हजार रुपए डरा घमका कर ले लिया है। ट्रक नागपुर जा रहा था। घटना रीवा शहर से लगे बनकुइंया बाई पास की है। थाना प्रभारी का कहना है कि शिकायती पत्र पर मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद आरोपियो के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
हर शहर में ऐसा
मोबाइल वाले बारहवी फेल,दसवी फेल युवक आज कथित पत्रकार बने गए हैं। कायदे से पुलिस अफसरों को जनसंपर्क विभाग से पता करना चाहिए कि आप के यहां कितने पत्रकार हैं। यूट्बर पत्रकारों की भी एक गाइड लाइन पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार को बनाना चाहिए। ऐसे पत्रकारों के पास बी.जे. या फिर एम.जे. की कोई डिग्री नही है। बस यूट्यूब बनाने की डिग्री है। जो आई .जी. और एस.पी को जहां पाएं रुकवा लेते हैं।