
Bastar dussehra gets international identity-say
रायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा, जो 75 दिनों तक चलता है, को देशभर में और विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने पर बल दिया। उनका कहना था कि इस प्रसिद्ध सांस्कृतिक उत्सव को वैश्विक पहचान मिलनी चाहिए और आने वाले दशहरे की तैयारी इस दृष्टिकोण से की जाए।
युवाओं को रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आगामी पर्यटन सीजन के बीच आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी योजनाओं की रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र को पर्यटन में भागीदार बनाना जरूरी है। उन्होंने पर्यटन सर्किट विकसित करने की बात कही ताकि पर्यटकों को एक बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, गाइड प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
विकास के नए अवसरों से
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से होमस्टे के प्रचार-प्रसार के लिए नए कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटक होमस्टे में रुचि रखते हैं और यह आदिवासी समाज के लिए आय का महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज के सदस्यों को पर्यटन से होने वाले लाभों पर भी चर्चा की और कहा कि यह क्षेत्र विकास के नए अवसरों से लाभान्वित होगा। उन्होंने कहा कि बस्तर का पर्यटन केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख आकर्षण बनेगा।
विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय धरोहर और सांस्कृतिक जीवंतता का खजाना है, जो इसे पर्यटन के लिए एक अनोखा और विशिष्ट क्षेत्र बनाता है। चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और प्राचीन गुफाओं जैसे आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध यह क्षेत्र अद्भुत परिदृश्य और समृद्ध जैव विविधता प्रदान करता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग में पर्यटन के विकास और वृहद रोडमैप बनाने हेतु गहन मंथन के दौरान यह बात कही। जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक श्री किरण सिंह देव, श्री विनायक गोयल, प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, पर्यटन विभाग के सचिव अलबनगन पी., पर्यटन विभाग के एमडी श्री विवेक आचार्य, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।
पर्यटन के क्षेत्र में बस्तर
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर दशहरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसकी अभी से तैयारी के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि इससे बस्तर की पहचान बनेगी। सितम्बर से मार्च का मौसम बेहतर होता है।इसे पर्यटन के लिए विशेष रूप से फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि अब पर्यटन क्षेत्र में ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र और समुदाय की भागीदारी बढ़ाए। गाइड प्रशिक्षण की व्यवस्था हो। होम स्टे को प्रचार प्रसार हो।इसका लाभ उठाएं स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलता है। सभी के बेहतर सुझाव से पर्यटन के क्षेत्र में बस्तर को आगे बढ़ाएंगे।
ब्रांडिंग और प्रचार के तहत ट्रैवल ट्रेड फेयर
परिचर्चा में पर्यटन स्थलों के जुड़ाव, ब्रांडिंग और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया। बैठक में बताया गया कि पर्यटक जीवंत जनजातीय गांवों का भ्रमण कर सकते हैं, बस्तर दशहरा जैसे पारंपरिक त्योहारों का अनुभव कर सकते हैं और स्थानीय शिल्प तथा व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। इको-पर्यटन, जनजातीय पर्यटन और दंतेश्वरी मंदिर जैसे आध्यात्मिक स्थलों के समन्वय के साथ बस्तर एक अनोखा और गहन यात्रा अनुभव प्रदान करता है। ब्रांडिंग और प्रचार के तहत ट्रैवल ट्रेड फेयर (TTF) के माध्यम से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना बनाई जाएगी।