
Bangladeshi fundamentalist involved in murshidabad violence

नई दिल्ली (ब्यूरो)। पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद आठ अप्रैल से सुलग रहा है। बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को बंगला देश बनाना चाहती है।पुलिस के मुताबिक रामनवमी को भारी उप्रदव की योजना थी। हिंसा के दौरान बंगला देश से सौ से अधिक फोन आए थे। सवाल यह उठता है कि जांच एजेंसी मुर्शिदाबाद में हुए हिंसा की जांच रिपोर्ट तीन दिन बाद देगी, क्या उसके बाद केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति राज की सिफारिश कर सकता है? वो कौन से कारण हो सकते हैं कि ममता बनर्जी के राज में राष्ट्रपति शासन का यह जांच एजेंसी की रिपोर्ट पर खुलासा होगा। वक्फ कानून के आड़ में हिन्दुओं को निशाना बनाए जाने की बात विपक्ष कर रहा है।
JMB और ABT ने अंजाम दिया था
पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन सामने आया है। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथी शामिल थे, जिन्हें एक राजनीतिक दल के स्थानीय नेताओं की मदद मिली थी। बांग्लादेश के दो कट्टरपंथी संगठन- जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के सदस्यों ने इसे अंजाम दिया था।
हालातों पर केंद्र की नजर
केंद्रीय गृह मंत्रालय मुर्शिदाबाद के हालात पर करीबी से नजर रख रहा है। भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) को भी कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि पश्चिम बंगाल सेक्टर में अवैध घुसपैठ न हो सके।नए वक्फ कानून के विरोध के नाम पर पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं । जांच में अब यह आशंका जताई जा रही है कि इस हिंसा के पीछे बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन अंसार उल बांग्ला टीम (ABT) का हाथ हो सकता है । सूत्रों के अनुसार, भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे इलाकों में एबीटी के स्लीपर सेल सक्रिय हैं, जो लंबे समय से इस घटना की योजना बना रहे थे।
लड़ाई सुदर्शन चक्र पर आ गई