
Bamboo harvesting laborers did not get bonus for 5 years
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। किरनापुर तहसील के जंगल में बसे 12 से अधिक गांवों के करीब डेढ़ सौ आदिवासी मजदूरों को पिछले पांच वर्ष से बांस कटाई का बोनस नहीं मिला है। इसकी शिकायत मजदूरों ने अनेक बार वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई। बावजूद इसके उन्हें महज अभी तक आश्वासन ही दिया जा रहा है। शनिवार को ग्राम पंचायत कंडरा के ग्राम आलीटोला में जिला स्तरीय हितलाभ वितरण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कलेक्टर मृणाल मीना समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस बीच बांस कटाई करने वाले मजदूरों ने कलेक्टर को अपनी समस्या से अवगत कराया गया।
मजदूरों का सामना भालू व जंगली सूअर से
वर्ष 2019-2020 से ग्राम न्यू बाम्बे, कलकत्ता, छुईटोला, देवटोला, आलीटोला, कासपुर, कंडरा के अलावा अन्य गांवों के मजदूर बांस कटाई करते आ रहे है। इनमें से अधिकतर मजदूरों को बोनस मिल रहा है, लेकिन डेढ़ सौ मजदूर ऐसे है जिन्हें बोनस नहीं दिया जा रहा है। जिससे वे वन विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटते-काटते थक गए। वन विभाग के अधिकारी बोनस मिल जाएगा कहकर बात को टाल मटौल करते रहते है। मजदूर राजकुमार मड़ावी, चरण सिंह कोड़ापे, अशरू सिंह वाडिवा ने बताया कि वे वर्ष 2019 से बांस काटते आ रहे है, लेकिन बांस कटाई का बोनस उन्हें अभी तक वन विभाग की तरफ से नहीं दिलवाया गया है। हालांकि, कुछ लोगों को बोनस हर वर्ष मिल रहा है। इसकी शिकायत भी उन्होंने अनेक बार वन परिक्षेत्र कार्यालय किरनापुर में किए है। उनका कहना है कि बांस कटाई करने वाले कुछ लोगों को बोनस कैसे मिल रहा है और उन्हें क्यों नहीं दिया जा रहा है, इसके संबंध में भी अधिकारी स्पष्ट नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि कई बार बांस कटाई के दौरान मजदूरों का सामना भालू व जंगली सूअर से होने पर वे घायल भी हो जाते है। इसके बाद भी वन विभाग बांस कटाई का बोनस उन्हें अभी तक नहीं दिया गया हंै।
कलेक्टर ने मजदूरों को दिया आश्वासन
कलेक्टर मृणाल मीना को 12-15 मजदूरों ने बांस कटाई का बोनस नहीं मिलने की जानकारी से अवगत कराया गया। जिस पर कलेक्टर ने वन विभाग के डीएफओं से चर्चा कर उनके सामने यह जानकारी रखेंगे कि अभी तक मजदूरों को बांस कटाई का बोनस नहीं मिला है, इस तरह के आश्वासन मिलने पर मजदूरों की थोड़ी उम्मीद जागी हैं।