
Bamboo culvert is fatal but the river ie crossing it
राष्ट्रमत न्यूज,रीवा(ब्यूरो)। मध्यप्रदेश के कई जिलों के विधान सभा में पुलिया और पुल की जरूरत है। प्रशासन जब ध्यान नहीं दिया तो गांव वालों ने जुगाड़ का तरीका अपनाया। बारिश में नदी को पार करना है तो ग्रामीणों ने बांस-बल्ली का पुलिया बना लिया।और उसी के सहारे नदी को पार कर रहे हैं। जोखिम भरा यह सफर है। लेकिन मजबूरी है। सोशल मीडिया में जो वीडियो दौड़ रहा है, उसे देखने के बाद यही सवाल उठता है कि सिरमौर विधान सभा के विधायक क्या कर रहे हैं?बांस से बने पुल को पार करते वक्त महिलाएं अपनी जान जोखिम में डालकर डर- डर कर हाथ के जरिये पार कर रही हैं।
बांस के पुल के टूटने का डर
वीडियो रीवा जिले के सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत रौली टोला मूसेलहा का बताया जा रहा है। बांस के इस पुल को एक महिला बड़ी हिम्मत के साथ हाथ के जरिये पार रही है। क्यों कि यह पुल उतना मजबूत नहीं है,जितना इसे बनाया जा सकता था।फिर भी जिसने भी बनाया है अपने जन,धन और साधन के जरिये ही बनाया है। एक महिला डरते- डरते बांस की पुलिया के सहारे नदी को पार कर रही है। बांस का पुल कई जगह कमजारे जान पड़ता है। कुछ जगह ताजा बांस काटकर जोड़ा गया है। बीच बीच में बांस कम हैं। लड़के तो आसानी से इस बांस के पुल से निकल सकते हैं। लेकिन महिलाएं डरती हैं।
डर बना रहता है
ग्राम पंचायत रौली टोला मूसेलहा के ग्रामीण रोज ही बांस के पुल से नदी को पार कर रहे हैं। नदी का पाट भी चैड़ा है। नदी में बहाव तेज रहता है। नदी में काफी पानी है। इसलिए हिल कर लोग जाने से कतराते हैं। बांस के पुल के जरिये ही आते जाते हैं। वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि एक महिला जान जोखिम में डालकर बांस लकड़ी से बने पुल से गुजर रही है,लेकिन डर भी रही है। आगे बढ़ता हर हर कदम उसे डरा रहा है।
पुलिया की मांग बेअसर रही
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के जन प्रतिनिधि,अधिकारियों की संज्ञान में है बांस के पुल की कहानी बावजूद इसके किसी ने ग्रामीणों की मांग को तवज्जो नहीं दिया। विधायकों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। जब किसी ने नहीं सुना तो ग्रामीणों ने बांस-बल्ली से जोड़ तोड़कर एक पुलिया बना डाली। अभी तक कोई हादिसा नहीं हुआ है,लेकिन बांस की पुलिया को देखकर सहज ही अंदाजा लागाया जा सकता है कि लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं।