
Baliram lived even after dying
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक नेक काम हुआ है। बुधवार को ब्रेन डेड घोषित पुजारी के अंगदान से दो लोगों को नई जिंदगी मिली। गुरुवार को जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से भोपाल और इंदौर के लिए दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। इन गलियारों के जरिए हृदय और लिवर को एयरलिफ्ट किया गया। हृदय भोपाल AIIMS ले जाया गया और लिवर इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल पहुंचाया गया। बलिराम की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी, इसके बाद परिवार ने अंगदान का फैसला किया।
अंगदान का फैसला लिया
सागर में घायल हुए थे बलिरामबलिराम सागर में एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें 21 जनवरी, मंगलवार को जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लाया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन गंभीर ब्रेन इंजरी के कारण बुधवार दोपहर को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इस दुःखद घटना के बाद, बलिराम के परिवार ने उनके अंगदान का फैसला लिया। इस नेक काम से दो ज़िंदगियां बचाई जा सकीं।
ब्रेन डेड घोषित कर दिया
21 जनवरी को ब्रेन डेड घोषितCMHO डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि सागर में एक सड़क दुर्घटना में घायल बलिराम नामक व्यक्ति को 21 जनवरी, मंगलवार को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन मस्तिष्क में गंभीर चोट लगने के कारण उसे बचाना मुश्किल था और डॉक्टरों ने उसे बुधवार दोपहर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
एक अच्छा निर्णय लिया
भोपाल में हर्ट और इंदौर में लिवरडॉ मिश्रा ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों ने एक अच्छा निर्णय लिया कि वे जो भी अंग किसी और के काम आ सकें, उन्हें दान करना चाहते हैं। इसलिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, अंग प्रत्यारोपण के नेटवर्क की मदद से यह पता लगाया जाता है कि इन अंगों की कहां आवश्यकता है। इसके बाद, यह पाया गया कि AIIMS भोपाल में एक मरीज भर्ती है जिसका हृदय प्रत्यारोपित किया जाना है और दूसरा मरीज चोइथराम अस्पताल इंदौर में है, जिसका लिवर प्रत्यारोपित किया जाना है। इसलिए इन दोनों अंगों का ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टरों की टीमें, एक इंदौर से, एक भोपाल से, पहुंचीं।
एक हेलीपैड तैयार किया गया
एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गईअंगों के परिवहन के लिए राज्य सरकार ने एक एयर एम्बुलेंस विमान और एक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की। लिवर को इंदौर ले जाने के लिए विमान जबलपुर हवाई अड्डे पर था। जबकि हृदय को भोपाल ले जाने के लिए जबलपुर के तिलवारा रोड पर एक हेलीपैड तैयार किया गया था।
साथ मिलकर सहयोग कर रहे
CMHO ने बताया कि राज्य सरकार ने इस काम के लिए एक एयर एम्बुलेंस और एक हेलीकॉप्टर का इंतजाम किया है। एयर एम्बुलेंस जबलपुर एयरपोर्ट पर है जो लिवर को इंदौर ले जाएगी। जबकि तिलवारा रोड पर एक हेलीपैड बनाया गया है, यह हार्ट को भोपाल ले जाएगा। पूरा पुलिस विभाग ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर चुका है, व्यवस्था काफी अच्छी है और मैं खुद इसका निरीक्षण करता हूं। यह हमारा पहला अनुभव है और सभी कलेक्टर और पुलिस विभाग पूरी तरह से सतर्क हैं और साथ मिलकर सहयोग कर रहे हैं।