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राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। बालाघाट जिला मुख्यालय में एक मात्र बायपास है। लेकिन वह भी जर्जर है। इसकी मरम्मत के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था लेकिन अभी तक इसकी स्वीकृति नहीं मिली है। इस बायपास पर करोड़ों रुपए खर्च किये गए थे। लेकिन एक साल में ही यह कैसी है तस्वीर से बता रही है। इस समय सरेखा और गर्रा रेल्वे लाइन पर ओवर ब्रिज का निर्माण चल रहा है। इस वजह से यह बाय पास ही एक मात्र रास्ता है। सात किलोमीटर े रास्ता है। जिसमें चार किलोमीटर एक दम से जर्जर है।
बारिश से पहले बनना जरूरी
15 मई को एसडीएम गोपाल सोनी ने पुलिस, यातायात और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए। 15 दिन बीत जाने के बाद भी केवल साइड सोल्डर में मिट्टी डाली गई। वह भी बारिश के कारण वाहनों के पहियों से धंस गई है।एसडीएम गोपाल सोनी का कहना है कि बारिश के कारण सुधार कार्य में देरी हुई है। अब इसे तेज गति से पूरा किया जाएगा। आने वाले दिनों में बरसात का मौसम शुरू होने वाला है। मौजूदा स्थिति में बायपास का बरसात झेल पाना मुश्किल लग रहा है।गौरतलब है कि बालाघाट खनिज और वन संपदा से प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व देता है। फिर भी यहां एक उचित बायपास तक नहीं है। इसके कारण शहर की सड़कों पर यातायात का अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। बारिश से पहले यदि इस बायपास की सड़क को सुधारने का काम नहीं हुआ तो यह चलने लायक नहीं रह जाएगा। जगह जगह गड्ढे हो जाएंगे।