
Balaghats irs 64 rice is a foreign foreigner
बालाघाट। बालाघाट में उत्पादित होने वाली चावल की विशेष किस्म आईआर64 के मुरीद अफ्रीकन और गल्फ देशवासी भी हैं। आईआर 64 किस्म की राइस नई नहीं बल्कि,50 वर्ष पुरानी है। फिर भी विदेशों में इसकी मांग आज भी है। केवीके मुरझड़ डाॅ उत्तम बिसेन का कहना है कि इंटरनेशनल राइस आईआर 64 को फिलिपिन्स ने विकसित किया है। जो बालाघाट में विशेष रूप से पकाई जाती हैं।
विदेशों मे निर्यात
जिले के मिलर्स जो विदेशों में चावल निर्यात कर रहे हंै, उनकी पहली पसंद है। यह किस्म वही राइस है जिसे सरलता से परबोईल्ड किया जा सकता है। डाॅ बिसेन का कहना है कि यह राइस 50 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादित हो सकती है। 125 दिन की अवधि की किस्म जिसका पौधा 125 सेमी ऊंचा होता है। केसर एग्रोटेक केरा के रवि वैद्य ने बताया कि अफ्रीकन और गल्फ देशों में जिले के कई मिलर्स द्वारा यहां का आईआर 64 राइस विदेशों में निर्यात कर रहे है। अभी हाल ही के कुछ वर्षों में इसकी मांग बढ़ने लगी है। साथ ही हमारे साउथ के राज्यों में भी इसकी खासी मांग रहती है।
बैहर और परसवाड़ा में उत्पादन
डाॅ बिसेन के अनुसार इस किस्म के बीज हैदराबाद से काफी मात्रा में मंगवाए जाते हंै। जिले में यह 8 से 10 हजार के रकबे में उगाई जाती हैं। यह किस्म मल्टी रेजिस्टेंट होती है। इस कारण किसान अपने घर का बीज भी उपयोग करते है। यह बैहर और परसवाड़ा के किसानों द्वारा प्रमुखता से की जाती है। जिले में आईआर 64 किस्म का 70 प्रतिशत बैहर और परसवाड़ा के किसानों द्वारा बुवाई की जाती है। इस क्षेत्र के किसान उर्वरकों का ज्यादा उपयोग नहीं करते है।
रीजनल कान्क्लेव से मिला बढ़ावा
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के हर संभागीय मुख्यालय पर प्राथमिकता से रीजनल कान्क्लेव के आयोजन कराए गए। इन कान्क्लेव से स्थानीय उद्योगों को आकर्षित करने में सफलता मिली है। व्यापार एवं उद्योग विभाग की प्रबंधक श्रीमती प्रीति मर्सकोले ने बताया कि जिले में कई तरह के उद्योग बढ़ने लगे हैं। इसमें मुख्य रूप से राइस मिल ज्यादा है। 20 जुलाई 24 में जबलपुर में आयोजित हुई रीजनल कान्क्लेव के बाद और अधिक उद्योगों का रुझान बढ़ने लगा है। विभागीय पोर्टल के अनुसार जिले में 610 नए उद्योग स्थापित हुए है। साथ ही इनके द्वारा 1198.40 लाख का निवेश किया गया है। इसमें 2840 रोजगार भी सृजित हुए है।
रोजगार भी सृजित हुए
मप्र शासन द्वारा 20 जुलाई 2024 को जबलपुर में हुई रीजनल कॉन्क्लेव के बाद से उद्योगों में विस्तार होने लगा है। इसमें भी बालाघाट में राइस की अधिकता से राइस मिलर्स ज्यादा आकर्षित हो रहें है। 20 जुलाई के बाद बालाघाट जिले में 5 नई राइस मिल स्थापित हुई है। इन 5 मिलों से जिले में 31 करोड़ 2 लाख का निवेश हुआ है। साथ ही रोजगार भी सृजित हुए है।