
sewage treatment plant
बालाघाट (ब्यूरो)। शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की जरूरत महसूस की जा रही है। इस मामले में पिछले दो साल से तैयारी चल रही है। शहर का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की लागत करीब 36.5 करोड़ रुपए होगी। इससे गंदे नाले नालियों के पानी को साफ कर अन्य उपयोग में लाया जा सकेगा। शहर की बद्तर सफाई व्यवस्था आने वाले समय के लिए खतरा है। स्वास्थ्य के लिए घातक है। गंदगी से निजात मिलने की संभावना दिख रही है।
सीवेज पर प्रोजेक्ट तैयार
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की दिशा में भारती सुरजीतसिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली नगर पालिका परिषद बालाघाट ने एक नयी पहल की है। विकास कार्य की दृष्टि से एसटीपी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार किया गया है। जिसमें छोटे बड़े नालों और नालियों को मर्ज करते हुए चार अलग-अलग वृहद एसटीपी आकार लेगा। इसे शासन के समक्ष भोपाल में नपाध्यक्ष ठाकुर ने रखा है। जिसे लेकर संचालनालय नगरीय प्रशासन एवम विकास प्रमुख अभियंता प्रदीप एस मिश्रा से मुलाकात कर नगर विकास को लेकर चर्चा की।
तकनीकी मंजूरी मिलने की आशा
नपाध्यक्ष भारती ठाकुर ने बताया कि भोपाल में ईएनसी प्रदीप एस मिश्रा को नगर विकास की मंशा को लेकर विभिन्न पहलूओं से अवगत कराया गया है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर विगत 2 वर्षो से तैयारियां की जा रही थी। तकनीकी टीम के साथ निरंतर समन्वय बनाते हुए इस प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा था। परियोजना को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इसे ईएनसी मिश्रा को सौंपा गया है। उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग से इसकी जल्द तकनीकी स्वीकृति दिलाने का भरोसा दिया है। बालाघाट नगर के लिये एसटीपी को वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी गौरीशंकर बिसेन के विधायक रहते मिली थीए जिस कार्य को अविलंब शुरू करने की तैयारी है।
गंदे नालियों का पानी साफ किया जाएगा
नपाध्यक्ष ने बताया कि शहर के तालाबों और बैनगंगा नदी में मिलने वाले नाले,नालियों के पानी को जहां साफ कर अन्य उपयोग में लाया जाएगा। वहीं शहर के उपनगरीय क्षेत्रों सहित अनेक हिस्सों में वृहद नाले,नालियों का निर्माण किया जाएगा। जिससे बारिश के दिनों में होने वाले जलभराव से भी निचले क्षेत्रों में राहत मिलेगी। वहीं गंदगी से छुटकारा मिलेगा।पर्यावरण के अनुकूल तथा प्रदूषण को कम करने में एसटीपी सहायक होगा। जिसमें नगर के छोटे-बड़े नालों को मर्ज किया जायेगा और एसटीपी आकार लेगा। जिससे कि नगर की जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी। नगर को स्वच्छ और सुथरा बनाने के लिये यह एसटीपी प्रोजेक्ट भूमिका निभाएगा।