
Balaghat chironji,cashew and marketing of chinnaur is necessary
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। जिला प्रशासन बालाघाट की चिरौंजी,काजू और आमचूर की मार्केटिग करने का फैसला किया है। ताकि यहां के किसानों को अधिक से अधिक आय हो सके। साथ ही बालाघाट की चिरौंजी,काजू और आमचूर को बेहतर बाजार मिल सके। एक अलग पहचान भी। क्यों किबालाघाट उस जलवायु या स्थान में शामिल है जहां सबसे महंगे सूखे मेवे के उत्पादन की अच्छी सम्भावना है।इसके लिए कलेक्टर मृणाल मीना ने एपीसी की बैठक में वीसी के माध्यम से मुख्य रूप से जुड़े एमपीआईडीसी के मार्केटिंग अधिकारी से उद्यानिकी विभाग के अधिकारी के साथ ही निवेशकों की आवश्यकता पर चर्चा की। कलेक्टर ने एमपीआईडीसी के अधिकारी ईश पलटाने के समक्ष बालाघाट के किसानों के साथ इन्वेस्टर्स और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक मीटिंग के लिए प्रस्ताव रखा है।
काजू की उत्पादन क्षमता अच्छी है
एमपीआईडीसी के श्री ईश पलटाने ने एपीसी की बैठक में वीसी के माध्यम से जुड़ते हुए बताया कि बालाघाट में काजू की संभावना के साथ ही चिन्नौर, चावल, आमचूर और चिरौंजी के लिए भी निवेशक इच्छुक है। वे यहां 1500 करोड़ रुपये काजू, चिरौंजी, आमचूर और राजगिरा की प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने के तैयार है। जिससे 15000 रोजगार सृजित करने का अनुमान है। उन्होंने एक रिसर्च स्टडी का उल्लेख करते हुए बताया कि यहां काजू की उत्पादन क्षमता अच्छी है।
ड्रिप सिंचाई का रकबा बढ़ाया जाएगा
कलेक्टर श्री मीना ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारी श्री क्षितिज को निर्देश दिए है कि जब 90 प्रतिशत ड्रिप सिंचाई योजना में अनुदान है तो धरती आबा में 650 से 700 किसानों का ही पंजीयन क्यों है ? जबकि जिले में 30 हजार से अधिक किसान उद्यानिकी किसान है। कलेक्टर श्री मीना ने उद्यानिकी विभाग को फल व सब्जी फसलों के साथ ही मसाला आधारित फसलों में सक्रियता के साथ किसानों को जुड़ने और उनके लिए बेहतरी से काम करने के निर्देश दिए है।अब खरीफ में धान का रकबा कम किया गया है, जबकि मक्का का रकबा 15 हजार बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा 13 हजार हेक्टेयर में कोदो, 7 हजार है. में, कुटकी, ज्वार 1.50 हजार हेक्टेयर और रागी में 3 हजार हैक्टर किया गया है।