
Baiga reached balaghat to ask for patatta
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। बालाघाट के परसवाड़ा की ग्राम पंचायत झिरिया से करीब एक दर्जन आदिवासी बैगा परिवार 60 किलोमीटर दूर से पट्टा मांगने बालाघाट पहुंचे। उनका कहना है कि सालों से जमीन पर खेती कर रहे हैं। अब वन विभाग मना कर रहा है। हम कहां जाएं। कैसे जिएंगे प्रशासन बताए।
सरपंच ने लिखा एतराज नहीं
ग्राम पंचायत झिरिया बालाघाट मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर है। बैगा वहां से बुधवार को बालाघाट मुख्यालय पहुंचे।उनका कहना है कि वन विभाग वन विभाग की जमीन पर खेती करने से मना कर रहा है। जबकि बरसों से रह रहे हैं। खेती कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हम कहां जाएं प्रशासन बताए। और क्या करें। हमारे जीवन के लिऐ वन विभाग की जमीन का पट्टा दिय जाए। आादिवासी अपने साथ पंचायत सरपंच गीता मर्सकोले का पत्र लेकर आए थे। सरपंच ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि पंचायत को बैगाओं को वन जमीन का पट्टा देने में कोई आपत्ति नहीं है।
वन विभाग खेती से रोक रहा
उपसरपंच राजेन्द्र कुमार राहंगडाले ने बताया कि आदिवासी बैगा लंबे समय से वन जमीन पर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ग्रामीण कमलेश मरकाम के अनुसार, वन विभाग इस साल खेती रोक रहा है और उनके खेती के सामान को जब्त कर रहा है।सेवकली मेरावी ने कहा कि वे सभी खेती पर निर्भर हैं।
पात्र लोगों को पट्टे दिए जाएंगे
वन विभाग के खेती रोकने से उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। हाल ही में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आयोजित शिविर में कलेक्टर मृणाल मीणा ने कहा था कि पात्र लोगों को नियमानुसार वन पट्टे दिए जाएंगे।कलेक्टर ने सचिव, वन विभाग और जनपद पंचायत को वन मित्र पोर्टल पर आवेदन दर्ज कराने की जिम्मेदारी दी थी। साथ ही आवेदन में आवश्यक दस्तावेज जुटाने का काम भी सौंपा था। इसके बावजूद ग्रामीण आदिवासियों को अपना काम छोड़कर मुख्यालय आना पड़ रहा है।