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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में विभिन्न ऑपरेशन्स में कोबारा कमांडो और छत्तीसगढ़ पुलिस ने 22 कुख्यात नक्सलियों को आधुनिक हथियारों और विस्फोटक सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया है। सुकमा के बडे सेट्टी पंचायत में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।जिससे यह पंचायत पूरी तरह नक्सलमुक्त हो गयी है। इस बीच उत्तर पश्चिम सब जोनल ब्यूरो रूपेश ने एक पत्र जारी कर कहा है कि एक माह के लिए सशस्त्र ऑपरेशन्स पर रोक लगाया जाए। इस पत्र के पीछे उनकी क्या मंशा है यह नक्सली ही जानें। लेकिन गृहमंत्री ने दो टूक कह दिया है कि जो डेटलाइन जारी की गयी है उससे पहले आत्मसमर्पण कर दें।
देश को नक्सलवाद मुक्त करना है
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि छिपे हुए नक्सलियों से मेरी अपील है कि मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाकर यथाशीघ्र हथियार डालें और मुख्यधारा में शामिल हों। 31 मार्च 2026 से पहले हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं।
भारत की केंद्र और प्रदेश की राज्य सरकार मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ और देश से नक्सलवाद खत्म कर देना चाहती है। इस मिशन में पहली कामयाबी मिली है। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव अब नक्सल मुक्त हो गया है। इस गांव में सक्रिय अंतिम 11 नक्सलियों ने सरकार के सामने हथियार डाल दिए हैं। वहीं इस जिले में 22 नक्सलियों ने भी सरेंडर किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को बधाई देते हुए कहा कि, छिपे हुए नक्सली तुरंत सरेंडर करें।इधर, लगातार अपने साथियों के मारे जाने और आत्मसमर्पण किए जाने से परेशान नक्सलियों ने सरकार के नाम एक और पत्र जारी किया है। नक्सलियों ने अब कहा है कि, वे चाहते हैं कि, वार्ता के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए एक महीने का युद्ध विराम किया जाए।
कामरेडों से मिलना जरूरी है
नक्सलियों के उत्तर पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश के नाम से ये पत्र जारी हुआ है। नक्सल नेता ने शांति वार्ता को लेकर कहा है कि, मेरे पहले बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का धन्यवाद।मेरी सुरक्षा गारंटी देते हुए मेरे इस कोशिश को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए भी धन्यवाद। आगे लिखा है कि, वार्ता के लिए हमारी तरफ़ से प्रतिनिधित्व के लिए नेतृत्वकारी कामरेडों से मिलना जरूरी है। इसलिए सरकार से मेरी अपील है कि, एक महीने तक सशस्त्र बलों के ऑपरेशन पर रोक लगाई जाए।
सरकार ने कहा
नई ग्रुप सरेंडर पॉलिसी के तहत नक्सली संगठन की किसी फॉर्मेशन इकाई के यदि 80 प्रतिशत या उससे अधिक सक्रिय सदस्य सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें बड़ा फायदा मिलेगा। सरकार ने कहा है कि उनपर जारी इनाम डबल करके उन्हें दिया जाएगा।सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जैसे अति नक्सल प्रभावित जिलों में यदि किसी ग्राम पंचायत क्षेत्र में सक्रिय समस्त नक्सली व मिलिशिया सदस्य आत्मसमर्पण करते हैं, और ग्राम पंचायत को नक्सल मुक्त घोषित किया जाता है, तो वहां 1 करोड़ रूपए के विकासात्मक कार्य स्वीकृत किए जाएंगे।
ग्राम पंचायत का भी विकास होगा
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, ग्रामीण जान चुके हैं कि बंदूक से नहीं विकास की राह से बदलाव संभव है। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ शासन की नक्सलवाद आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति 2025, और नक्सली इलवद पंचायत योजना के तहत आज सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव नक्सलवाद के चंगुल से आजाद हो गया है। नक्सल मुक्त होने वाला ये प्रदेश का पहला गांव बन गया है।विजय शर्मा ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना, पुलिस जवानों की सतत उपस्थिति, नक्सली संगठनों की क्रूरता और भेदभाव के साथ ही शासन की नई नीतियों से मिले भरोसे की वजह से ही यह संभव हुआ है। नक्सलमुक्त ग्राम पंचायत घोषित होने की शुरुआत सुकमा जिले से हो चुकी है। निश्चित रूप से बस्तर सहित पूरे प्रदेश के ग्राम पंचायत अब नक्सलमुक्त होंगे। नक्सलमुक्त होते ही ग्राम पंचायत का भी विकास होगा।