
Atishi sitting outside the assembly
नई दिल्ली (ब्यूरो)। दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू हो चुका है। सत्र का आज तीसरा दिन है। आप ने आरोप लगाया कि दिल्ली में चल रही तानाशाही। दिल्ली पुलिस के अधिकारी आम आदमी पार्टी के विधायकों और नेता प्रतिपक्ष आतिशी को विधानसभा परिसर के अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। अधिकारी बता रहे हैं कि, ऐसा वह विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के आदेश पर कर रहे हैं। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब चुने हुए विधायकों को विधानसभा में ही नहीं जाने दिया जा रहा है।
AAP के केवल एक विधायक सदन में
दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन AAP विधायकों को विधानसभा में जाने से रोका गया। इसके बाद नेता विपक्ष आतिशी के साथ विधायक विधानसभा परिसर के बाहर ‘जय भीम’ के पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आतिशी ने कहा- देश के इतिहास में पहली बार विधायकों को विधानसभा जाने से रोका जा रहा है। AAP के केवल एक विधायक अमानतुल्लाह खान सदन में मौजूद हैं।
शराब नीति घोटाले पर सदन में चर्चा
इस बीच दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा- शीशमहल की जांच होगी। पिछली सरकार की तरफ से फॉलोअप नहीं होने की वजह से कई प्रोजेक्ट्स की लागत दोगुनी हो गई है। हम 2000 करोड़ रुपए के शराब नीति घोटाले पर सदन में चर्चा करेंगे।इधर, विधानसभा में आज CAG से जुड़ी कुछ रिपोर्ट्स पेश की जा सकती हैं। वहीं शराब नीति वाली CAG रिपोर्ट पर चर्चा होगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री CM रेखा गुप्ता विधानसभा के डिप्टी स्पीकर पद के लिए मोहन सिंह बिष्ट के नाम का प्रस्ताव रखेंगी। बिष्ट मुस्तफाबाद से भाजपा के विधायक हैं।
दिल्ली विधानसभा में कैग रिपोर्ट पर बहस
दिल्ली में शराब के नियमन और आपूर्ति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पर विधानसभा में बहस जारी रहेगी। सीएम गुप्ता द्वारा मंगलवार को पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में समस्याओं के कारण दिल्ली सरकार को 2,002 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। बहस के अलावा, विधानसभा में नियम 280 के तहत चर्चा होगी, जिससे सदस्य अध्यक्ष की अनुमति से मामले उठा सकेंगे।
नुक़सान का अनुमान लगाया
सीएजी की जिस रिपोर्ट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा मचा हुआ है वह साल 2017-18 से 2020-21 के बीच का लेखा-जोखा है। इसी दौरान नवंबर 2021 के बाद दिल्ली में शराब नीति में बदलाव किए गए थे, जिसे 1 सितंबर 2022 को वापस ले लिया गया था। सीएजी ने अपने ऑडिट में दिल्ली में एक्साइज़ विभाग के अधीन शराब की सप्लाई में कई अनियमितताओं के बारे बताया है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में एक्साइज़ विभाग के कामकाज पर कई सवाल भी खड़े किए हैं और इससे क़रीब 2027 करोड़ रुपये के नुक़सान का अनुमान लगाया है।