
As long as there is a broker and corrupt babu in district panchayat- rawat
राष्ट्रमत न्यूज, रीवा(ब्यूरो)। मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के जिले रीवा में बाबू की दलाली और भ्रष्टाचार से अधिकारी तक तंग है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो से आकलन किया जा सकता है कि रीवा के बाबू कितने सननाम हैं। भ्रष्टाचार का खुलासा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा क्रमांक दो के कार्यपालन यंत्री एसबी रावत स्वयं कर रहे हैं। जिला पंचायत में पदस्थ कर्मचारियों पर खुला आरोप उन्होंने लगाया है। उनका कहना है अधिकारियों का कोई दोष नहीं है।रीवा में जो बाबू बैठे हैं वो दलाल है।उन्हें जब तक नही हटाएंगे कुछ नहीं होगा।जांच के नाम पर केवल फाइलें उलझाते हैं, आगे बढ़ाते हैं। कोई काम नहीं करना चाहता।
मामले को दबा देते हैं
जिला पंचायत में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी पैसे लेकर फाइलों को दबा देते हैं। कोई काम नहीं करना चाहता। जांच प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।कार्यपालन यंत्री बीएस रावत वीडियो में कहते हैं कि जिला पंचायत में जो बाबू बैठे हैं वे पूरे रीवा के दलाल हैं। पैसे लेकर दो लाइन लिख दिया जाता है कि जांच ठीक नहीं है। फरियादी मौजूद नहीं था या फिर और कुछ लिख कर सारे मामलों को दबा दिया जाता है। जब तक ये अधिकारी रहेंगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। जिला पंचायत रीवा में जांच के नाम पर फाइलें उलझा दी जाती है। कोई वास्तविक कार्रवाई करता ही नहीं।
कोर्ट चले जाओ
एक व्यक्ति की वीडियों में सवाल करता है कि हम लोग क्या करें। रावत कहते हैं कोर्ट चले जाओ। इस पर उनसे कहा जाता है आप जो कह रहे हैं उसकी रिपोर्ट दे दीजिये। कुछ प्रमाण मिल जाए तो काम हो जाए। इस पर रावत कहते हैं इसके पहले की जांच में बहुत कुछ लिखा जा चुका है।एसडीओ प्रजापति ने लिखा है। समझ में नहीं आता कि कैसे लाखों रुपए का अंतर कर देते हैं। कुल 28 काम है।यदि दो-दो हजार भी जोड़ दें तो 28 हजार होता है। 63-64 हजार कैसे हो जाएगा। लाखों रुपए के अंतर हैं।
भ्रष्ट है जिले का सिस्टम
रावत की बातों से एक बात साफ है कि रीवा जिले का सिस्टम भ्रष्ट है।केवल कर्मचारी ही नहीं अधिकारी भी। लेकिन रावत की नाराजगी रीवा के दलाल बाबुओं से है। जाहिर सी बात है कि रीवा जिला पंचायत में जब तक भ्रष्ट बाबुओं को हटाया नहीं जाएगा शिकायतों की फाइल धूल खाती पड़ी रहेंगी। ऐसा आरोप विपक्ष की पार्टी का कोई लगाता तो उसे यही कहा जाता कि राजनीति कर रहा है। लेकिन एक अधिकारी की बातों को दरकिनार नहीं किया जा सकता। देखना यह होगा कि जिला पंचायत के सीईओ भ्रष्ट बाबुओं के खिलाफ क्या कार्रवाई करते है।