
Angry grandson burnt grandfather alive due to land sharing
राष्ट्रमत न्यूज,कबीरधाम (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में 65 वर्षीय झड़ीराम साहू को उनका पोता दीपक साहू पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। दीपक ने अपने दादा को इसलिए जलाकर मारा कि झड़ीराम ने अपनी जमीन का बड़ा हिस्सा उसके पिता को न देकर अपने अन्य बेटे को दे दिया। दीपक इससे नाराज था। मामला थाना सिंघनपुरी क्षेत्र के ग्राम बामी का है। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी वापस कमरे में सो गया।
झड़ीराम जलते रहे
झड़ीराम साहू ग्राम बामी का रहने वाला था। वह और उसकी पत्नी घर में अकेले रहते थे। झड़ीराम के तीन बेटे हैं। तीनों अलग.अलग रहते हैं। तीन जून की रात खाना खाने के बाद झड़ीराम की पत्नी अंदर कमरे में सोने चली गई। वहीं झड़ीराम बाहर बरामदे में खाट पर सो रहा था। सब सो गए तो दीपक साहू ने उन पर पेट्रोल डालकर जला दिया। वो जलते अवस्था में अपनी पत्नी को आवाज दिये। उनके बेटे और अन्य लोग आ गये। उन्हें अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गयी।
घटना को ऐसे अंजाम दिया
पुलिस को जांच से कुछ नहीं मिला। तब झड़ी राम के पोते से पूछताछ की गयी। पहले वो कहता रहा मुझे नहीं पता। लेकिन जब पुलिस कड़ाई दिखाई तो उसने सब बता दिया। किस तरह उसने घटना को अंजाम दिया उसे पुलिस को करके दिखाया।
दादा को जलाकर फरार हो गया
करीब 1:30 बजे आरोपी ने उन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और फरार हो गया। आग की लपटों में घिरा झड़ीराम चिल्लाते हुए घर के अंदर पहुंचा, जहां उसकी पत्नी सो रही थी। उसने किसी तरह पानी डालकर आग बुझाई।तब तक उसकी सांसें चल रही थी। आग बुझाने के बाद झड़ीराम की पत्नी रात में ही अपने बेटों को बुलाने गई। बेटों ने आकर पिता को हॉस्पिटल ले जाने के लिए उठाकर आंगन तक लाए ही थे कि उसने दम तोड़ दिया।घटना की सूचना मिलते ही एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम मौके पर पहुंची। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह एंटी मार्टम बर्निंग का मामला है यानी व्यक्ति को जीवित अवस्था में जलाया गया था। पुलिस ने पंचनामा के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
जमीन बंटवारे से था नाराज
पूछताछ में दीपक ने हत्या के जुर्म को कबूल कर लिया है। वह इस बात से नाराज था कि दादा ने पिता को न देकर डेढ़-डेढ़ एकड़ जमीन अपने अन्य दो बेटों को दे दी। साथ ही जो बची हुई जमीन है उसे भी उन्हीं के नाम करने की तैयारी में थे। दादा मां और पत्नी पर गंदी नजर भी रखते थे। दीपक ने बताया कि, उसे आशंका थी कि भविष्य में कुछ नहीं मिलेगा, इसी से नाराज होकर खौफनाक साजिश रच डाली। उसने वारदात को अंजाम देने के लिए पहले से ही गैलन में पेट्रोल रख लिया था। फिर 3 जून की रात 1:30 बजे पेट्रोल से भरे गैलन लेकर आंगन पहुंचा, जहां उसके दादा सो रहे थे। उसने सोते समय पेट्रोल को दादा पर छिड़क दिया और माचिस से आग लगा दी।