
All cases IPS GP singh canceld
बिलासपुर।आय से अधिक दस करोड़ की संपत्ति, देशद्रोह और ब्लैकमेलिंग मामले में फंसे आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की बेंच ने दर्ज सभी एफआईआर को निरस्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट कोर्ट ने कहा उन्हें परेशान करने के लिए झूठे मामले उनके खिलाफ दर्ज किये गए। किसी भी मामले में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। सुनवाई में चंडीगढ़ के सीनियर काउंसिल रमेश गर्ग वर्चुअल उपस्थित हुए।
आईपीएस जीपी सिंहको राहत
IPS जीपी सिंह ने अपने खिलाफ दर्ज सभी थ्पत को रद्द करने की चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एडवोकेट हिमांशु पांडेय के माध्यम से याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें राजनितिक षड्यंत्र के तहत फंसाया है। याचिकाकर्ता के खिलाफ जितने भी मामले दर्ज हुए उसमें कोई साक्ष्य नहीं हैं। हाई कोर्ट ने भी माना कि जीपी सिंह को परेशान करने के लिए ऐसा किया गया है। इनके खिलाफ दर्ज एक भी मामले चलने के लायक नहीं है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने आईपीएस को राहत देते हुए उनके खिलाफ सभी मामले निरस्त करने के आदेश दिये। उनके खिलाफ सन् 2021 में मामले दर्ज किये गए थे।
जब्त सोना भी जीपी सिंह का नहीं
जीपी सिंह के एडवोकेट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में बताया कि जिस व्यक्ति से गोल्ड सीज हुआ है। उस व्यक्ति को एसीबी ने आरोपी नहीं बनाया है। जबकि गोल्ड को जीपी सिंह का बताकर उन्हें आरोपी बनाया गया था। जिस स्कूटी से गोल्ड जब्त हुआ है। वह भी जीपी सिंह का नहीं है। उनके परिजनों के नाम पर भी रजिस्टर्ड नहीं है।
कोई साक्ष्य नहीं मिला
राजद्रोह के मामले में अधिवक्ता हिमांशु पांडेय ने कोर्ट को बताया कि जो कागज के कटे फटे टुकड़े जी.पी सिंह के ठिकाने से मिले हैं। उसके आधार पर उन्हें राजद्रोह का आरोपी बनाया गया है। उन कागजों से कोई भी षड्यंत्र परिलक्षित नहीं होता। एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा अदालत में पेश किए गए जवाब से स्पष्ट है कि कागज के टुकड़ों की रेडियोग्राफी में कोई साबूत नहीं है।