
Kinnar arena talks in two groups due to mamta
प्रयागराज (ब्यूरो)। बाॅलीवुड अमिनेत्री ममता कुलकर्णी ने आज संगम तट पर खुद का पिंडदान किया।और किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बन गयी। अब एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी आज से यामाई ममता गिरी कहलाएंगी। उनका सिर्फ पट्टाभिषेक रह गया है। उन्होंने कहा अब मै दोबारा बाॅलीवुड नहीं जाऊंगी।साल 2000 से मैंने अपनी तपस्या शुरू की। मेरे गुरु श्री चैतन्य गगन गिरी गुरु नाथ हैं। उनसे मैंने दीक्षा ली थी। उनका कुपोली में आश्रम है। 23 साल से मेरी तपस्या चल रही है।
महामंडलेश्वर की पदवी
53 साल की ममता आज सुबह ही महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा पहुंची थीं। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक महामंडलेश्वर बनने को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद किन्नर अखाड़ा ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी देने का ऐलान किया।इसके बाद महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ममता को लेकर अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के पास पहुंचीं। ममता और पुरी के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इस दौरान किन्नर अखाड़े के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। फिर उनके महामंडलेश्वर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। किन्नर अखाड़े ने ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर पूरी गोपनीयता बरती है। ममता साध्वी के रूप में महाकुंभ में शामिल हुईं। वह भगवा कपड़े पहनी दिखीं। उन्होंने गले में रुद्राक्ष की दो बड़ी माला पहन रखी थी। कंधे पर भगवा झोला भी टांग रखा था।
सेल्फी के लिए होड़ मच गई
ममता ने कहा कि महाकुंभ में आना और यहां की भव्यता को देखना उनके लिए बहुत ही यादगार पल है। यह मेरा सौभाग्य होगा कि महाकुंभ की इस पवित्र बेला में मैं भी साक्षी बन रही हूं। संतों के आशीर्वाद प्राप्त कर रही हूं। जब ममता किन्नर अखाड़े पहुंची तो उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। उनके साथ सेल्फी और फोटो लेने के लिए लोगों में होड़ मच गई।
अब बॉलीवुड से मेरा कोई नाता नहीं
ममता ने कहा कि महामंडलेश्वर बनना, वो भी अर्धनारीश्वर स्वरूप के हाथों से बनना। इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। आज शुक्रवार का दिन है, आदि शक्ति का दिन है। महाकाली का मेरे ऊपर आशीर्वाद है। वो मेरी मां हैं। मैं उनकी अंश स्वरूप हैं। एक आदि शक्ति और अर्धनारीश्वर स्वरूप से मेरा पट्टाभिषेक हो रहा है। इससे और बड़ी चीज क्या हो सकती है।अब बॉलीवुड से मेरा कोई नाता नहीं है। वो तो मैंने कब का छोड़ दिया। मैं बॉलीवुड के लिए वापस नहीं आई। मैं 23 साल बाद इंडिया में आई। मैं 2013 के कुंभ मेले में आई थी। 144 साल बाद ये जो महाकुंभ है। मैं सिर्फ इसके लिए आई हूं। अब मुझे महामंडलेश्वर की ख्याति मिल रही है। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। अब मुझे कुछ नहीं चाहिए।