
AAp MLA in punjab desperate to become ahinde
चंडीगढ़(ब्यूरो)। दिल्ली क्या हारी आम आदमी पार्टी अब पंजाब के आम आदमी पार्टी के विधायकों में ही कोई शिंदे की भूमिका में आ गया है। जैसा कि पंजाब के कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा दावा कर रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के 30 विधायक उनके संपर्क में है। वैसे इससे आप की सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। तीस विधायक पाला भी बदल लेते हैं तो सरकार बनी रहेगी। 62 विधायक बचे रहेंगे। अभी तक यही माना जा रहा था कि बीजेपी वहां कुछ करेगी। लेकिन बीजेपी कुछ करे ऐसी स्थिति में नहीं है। कांग्रेस ने यदि ज्यादा विधायक तोड़े तो ही कुछ खेल हो सकता है।केजरीवाल ने प्रताप सिंह के बयान के बाद सभी विधायकों को दिल्ली बुला लिये हैं। कल उनसे मुलाकात करेंगे। मान सिंह सी.एम. कितने दिन रहेगे सियासी हलकों में यह चर्चा गरम है। इसलिए कि भगवत मान ने दिल्ली में 12 सीटों पर चुनाव प्रचार किया। जिसमें केजरीवाल की भी सीट थी। सभी सीटों पर आम के प्रत्याशी हार गए।
पंजाब के कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के बयान के बाद राहुल गांधी ने कहा कि आप के विधायक कहीं भी जा सकते हैं। बीजेपी में कांग्रेस जा सकते हैं। जाहिर सी बात है कि खेला अभी आम आदमी पार्टी के साथ होना बकाया है। यही लगता है। लेकिन आने वाले समय में आम आदमी पार्टी में क्या क्या हो सकता है सबकी नजर है। लेकिन शिंदे कौन बनने को बेताब है,यह कांग्रेस नेता अभी नहंी बता रहे हैं।
पंजाब के विधायकों को दिल्ली बुलावा
इसी बीच AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों को दिल्ली बुलाया है। वे मंगलवार (11 फरवरी) सुबह 11 बजे कपूरथला भवन में सभी विधायकों से मिलेंगे। CM भगवंत मान और सभी मंत्री भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि इसी वजह से पंजाब सरकार की 10 फरवरी को होने वाली कैबिनेट मीटिंग भी टाल दी गई। पंजाब में 2022 में सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे, इसमें AAP ने 92, कांग्रेस 18, भाजपा 2, शिरोमणि अकाली दल 3 और बसपा 1 सीट जीती थी।पंजाब में बहुमत का आंकड़ा 59 का है। ऐसे में अगर 30 विधायक पार्टी छोड़ भी देते हैं तो भी AAP के पास 62 विधायक रहेंगे और सरकार को कोई खतरा नहीं होगा।हालांकि, AAP के प्रवक्ता नील गर्ग का कहना है कि दिल्ली में पार्टी की रूटीन मीटिंग होने जा रही है। यह पार्टी ने तय करना है कि मीटिंग चंडीगढ़ में करनी है या दिल्ली में।
पंजाब AAP विधायक कहीं भी जा सकते हैं
पटियाला से कांग्रेस सांसद डॉ धर्मवीर गांधी ने कहा कि AAP की केंद्रीय लीडरशिप को लेकर पंजाब के विधायकों के अंदर आक्रोश है। यह लोग पंजाब संसाधनों व स्रोतों पर कब्जा कर रहे हैं। राज्यसभा में इन्होंने पंजाब से बाहर के लोगों को भेजा।ये बहुत से तरीके से शोषण कर रहे हैं। यह मौकापरस्त लोग हैं। सिद्धांतवादी लोग पहले ही पार्टी छोड़ गए थे। इनके विधायक बीजेपी और कांग्रेस में कहीं भी जा सकते हैं। इनका पंजाब में कोई अस्तित्व नहीं बचा है। 2027 के विधानसभा चुनाव में यह सत्ता से बाहर होंगे।
AAP के पास अब पंजाब ही बचा
AAP की सत्ता जाने का खतरा 2024 में ही मंडराने लगा था, जब लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीती, जबकि पंजाब में भी 13 में से केवल 3 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। 10 साल बाद दिल्ली हाथ से जाने बाद अब AAP के लिए पंजाब काफी अहम हो गया है, क्योंकि पार्टी की सत्ता केवल इसी राज्य में है।इसलिए, केजरीवाल चाहते हैं कि यहां ऐसे काम करें ताकि दोबारा दिल्ली और दूसरे राज्यों में पार्टी के प्रभाव को बढ़ा सकें। पंजाब में चुनाव में अभी 2 साल शेष हैं। ऐसे में पार्टी अब कोई गलती करने के मूड में नहीं है। आने वाले दिनों में बजट भी आना है।सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में केजरीवाल सारी चीजों का फीडबैक भी लेंगे और दिल्ली चुनाव में हुई कमियों पर बात भी करेंगे। इससे पहले केजरीवाल दिल्ली के जीते विधायकों के साथ मीटिंग कर चुके हैं।