
Will not be suppressed by deputy CM, will fight-abhay
राष्ट्रमत न्यूज,रीवा(ब्यूरो)। सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि मेरा राजेन्द्र शुक्ला का राजनीतिक विरोध है ठेकेदारी का। यहां सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो गया है। ऐसा लगता है रीवा को स्वशासित जिला बना दिया गया है। इसीलिए रीवा का सीएम कोई और और प्रदेश का कोई और है। रीवा राजनीतिक जिला था,लेकिन जब से डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला बनें हैं,अपराधी जिला हो गया है। मैं कल दोपहर बारह बजे तक दोषी नहीं था। लेकिन रात को बारह बजे दोषी हो जाता हॅूं। जाहिर है कि झूठा और दबाव में आकर पुलिस मेरे खिलाफ मामला दर्ज की है। डिप्टी सीएम यदि सोचते होंगे इससे अभय मिश्रा दब जाएगा,भाग जाएगा,तो गलत सोचते हैं। हम उनसे लड़ेंगे।
मेरी हत्या की साजिश कर रहे
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि राजेन्द्र शुक्ला की भविष्य में मेरी हत्या कराने की योजना है। इसीलिए अभी से मेरी अपराधिक पृष्ठभूमि वाली छवि बनाने में लग गए हैं। विधान सभा शुरू होने से पहले मुझे सत्ता के प्रभाव से बाधित करने एवं आवाज बंद करने की कोशिश के चलते मेरे खिलाफ 25 जुलाई को झूठी एफआईआर दर्ज कराई गयी।
अभिषेक ने यह किया
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा पर उनके फार्म हाउस में काम करने वाले अभिषेक मिश्रा ने आरोप लगाया कि उसका तीन महीने का वेतन मांगने पर उसके साथ मारपीट की गयी। इस पर विधायक ने कहा कि इस घटना की मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं बाहर था। मेरे स्टाफ के एक कर्मचारी अशोक के बीच अभिषेक मिश्रा का विवाद हुआ है। अभिषेक ने दांत से उसकी उंगली काट डाला। बीजेपी के कथित विधायक ने उसे पैसा देकर मेरे खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की साजिश किये हैं। इसमें डिप्टी सीएम का भी हाथ है। उसे समय पर वेतन मिलता रहा है। उसका एक पैसा बकाया नहीं है।मेरे यहां कई महीने से काम कर रहा था। लड़का अच्छा है। किसी के बहकावे में आ गया है।
ऐसी हुई राजनीति
अभिषेक मिश्रा ने मीडिया के समक्ष आरोप लगाया कि तीन महीने का रूका वेतन मांगने पर विधायक और उनके आदमियों ने उसे बेरहमी से पीटा है।चोरहटा थाने में पूर्व विधायक के.पी. त्रिपाठी अपने आदमियों के साथ मिलकर खूब हंगामा मचाया। चोरहटा थाने के टीआई आशीष मिश्रा हाथ जोड़ते रहे। उन्हें समझाते रहे। लेकिन के. पी. त्रिपाठी उन्हें धमकाते रहे। अभय मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने सियासी गुंडई दिखाते रहे।। सी.एस.पी. रितु उपाध्याय को असंवेदन शील औरत कई बार कहा और अभद्रता की। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। चोरहटा थाने में पूरी बीजेपी खड़ी हो गयी अभय मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का दबाव बनाने। इस मामले में के.पी.त्रिपाठी ज्यादा उग्र दिखे। वहीं एस.पी का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गयी है।और आगे की कार्रवाई जारी है। ऐसा एसपी विवेक सिंह कल दोपहर तक कहते रहे। बाद में रात बारह बजे अभय मिश्रा का भी नाम जोड़ा गया।
डिप्टी CM जैसा दिखते हैं वैसा नहीं
जिला कांग्रेस अध्यक्ष इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि डिप्टी सीएम का लिबास कुछ और काम कुछ और है। वो जैसा दिखते हैं,वैसा नहीं हैं।कांग्रेस के विधायक अभय मिश्रा के खिलाफ एक साजिश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अभय मिश्रा अपराधी नहीं है। वो दो बार के सेमरिया के विधायक हैं।उनकी पत्नी नीलम मिश्रा भी सेमरिया की विधायक रह चुकी हैं। सेमरिया की जनता इन्हें अच्छी तरह जानती है। सन् 2008 के बाद अचानक सेमरिया में अपराधी और गुंडों का कब्जा हो गया। जनपद सीईओ के साथ मारपीट हो या फिर किसानों का खेत जला देने की घटना,जबरिया लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लेने की घटना किसी से छिपी नहीं है। पुलिस से हमें न्याय नहीं मिला तो कांग्रेस आंदोलन करेगी। चुप नहीं बैठेगी। रीवा बंद भी करेंगे।
के.पी. डाॅन बने
इस मामले का सच क्या है केपी त्रिपाठी जानते हैं और अभिषेक मिश्रा। लेकिन इस मामले को सियासी रंग देकर जिस तरह पुलिस की बेइज्जती बीजेपी नेताओं ने की वो हैरान करता है। एक महिला सीएसपी के साथ के.पी. त्रिपाठी का बर्ताव उनकी गुंडई हरकत की बानगी है।बीजेपी राज में यदि सीएसपी थाने में सुरक्षित नहीं है तो बाहर क्या उम्मीद की जा सकती है। पूर्व विधायक की कोई अहमियत नहीं होती। उसे कोई राजनीतिक शक्ति भी लोकतंत्र में नहीं दी गयी है। केपी टीआई को ऐसा आदेश देते देखे गए जैसे वो डीजीपी हों। उसे ऐसा धमका रहे थे मानो टीआई अपराधी हो। दोयम दर्जे की राजनीति अपनी कूवत पर करनी चाहिए न कि डिप्टी सीएम के दम पर।