
Just few locality are drowned right now, half of the rewa should not be drowned in your vikas
राष्ट्रमत न्यूज,रीवा(ब्यूरो)। रीवा जिले में बुधवार रात से लगातार बारिश हो रही है। यानी 2.2 इंच की बारिश से रीवा के कई मोहल्ले की तस्वीर बदल गयी। जल भराव की स्थिति कई मोहल्ले में है। सवाल यह है कि सन् 1997 से जब ऐसा हो रहा है,ऐसे में जन प्रतिनिधि और प्रशासन अब तक क्या किये। शहर को इस तरह विकसित करने की सोच क्यों नहीं जगी कि बारिश में लोगों के घरों में पानी न घुसे। शहर के अंदर बायपास बनाए मगर पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं की गयी। यदि घनघोर बारिश दो दिन हो गयी तो आधा रीवा डूब जाएगा।
आप ने क्या किया पांडेय जी
सोचने वाली बात है कि सिर्फ 2.2 इंच की बारिश में निराला नगर के पटेल हाॅस्टल में पांच फीट पानी भर गया।छात्र खिड़कियों से कूदे और तैर कर निकले। तीन दर्जन छात्रों को बाहर निकालने के लिए नाव की व्यवस्था की गयी। रीवा के दस मोहल्ले पानी पानी हो गए। लोगों के घरो में पानी घुस गया।
तो आप ने क्या किया?
नगर निगम अध्यक्ष व्यकटेश पांडेय कहते हैं कि अवैध अतिक्रमण की वजह से ऐसा हुआ। यदि ऐसा हुआ तो आप ने क्या किया?आप की सरकार के डिप्टी सीएम ने क्या किया? वो पिछले बीस साल से विधायक हैं। रीवा के एक एक मोहल्ले से वाकिफ हैं। वो बायबास बनाने की बजाए पानी निकासी पर ध्यान दिये होते तो ऐसा नहीं होता,जो आज हो रहा है।
बौरा रही है बिछिया
लगातार बारिश के कारण बीहर और बिछिया नदियां उफान पर आ गई हैं। नदी किनारे बसे बांस घाट मोहल्ला, निपनिया, रानी तालाब, झिरिया और निराला नगर जैसे क्षेत्रों में सभी घरों में पानी घुस गया है। एयरपोर्ट की बाउंड्री भी टूट गई है। विकास की ऐसी तस्वीर दुखदायी है। गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह का सरकारी आवास भी पानी में डूबा है।
घरों का सामान तैरने लगा है
लगातार बारिश और जलस्तर बढ़ने की स्थिति में नगर निगम, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट पर हैं। नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े ने बताया कि नदी किनारे बसे इलाकों में जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। खाद्य सामग्री और अन्य राहत सामग्री की व्यवस्था भी की जा रही है। सहायता के लिए टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं।रीवा के निराला नगर में कुछ घरों में पानी भरने से लोग परेशान हैं। घरों का सामान तैरने लगा है और लोगों को जीवन यापन में दिक्कत हो रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बारिश के दौरान नदी-नालों के पास न जाएं, और जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद लें।