
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। बौद्ध धर्म स्थल के प्रबंधन को लेकर बालाघाट में भंते धम्म शिखर पिछले चार दिन से भूख हड़ताल पर है। उनकी मांग है कि बिहार सरकार बीटी एक्ट खत्म करे।उनका आरोप है कि बिहार सरकार बौद्ध धर्म के खिलाफ काम कर रही है,बंद करे।
बिहार सरकार बौद्ध धर्म के खिलाफ
बालाघाट में महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन का चौथा दिन है। भंते धम्म शिखर ने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। वे बिहार के बौद्धगया स्थित महाबोधि महाविहार का प्रबंधन बौद्ध समाज को सौंपने और बीटी एक्ट 1949 को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।भंते का आरोप है कि बिहार सरकार बौद्ध धर्म के विरोध में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार और महाबोधि महाविहार प्रबंधन कमेटी, बीटी एक्ट की आड़ में पवित्र स्थल का स्वरूप और पूजा पद्धति बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन
प्रशासन ने आंदोलन स्थल को अंबेडकर चौक से बदलकर जनपद पंचायत कार्यालय के सामने कर दिया है। भंते धम्म शिखर ने बिहार सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बुद्ध पूर्णिमा पर राज्यपाल द्वारा महाबोधि महाविहार में की गई आरती बौद्ध संस्कृति के विरुद्ध है।बिहार टेंपल मैनेजमेंट कमेटी को समाप्त कर, महाबोधि महाविहार का प्रबंधन बौद्धयो के हाथों में दिए जाने की प्रमुख मांग को लेकर 4 दिन शुरू किए गए इस अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के बीच बौध्य् अनुयायियों द्वारा बिहार की सरकार पर बौद्ध धर्म के विधि विधान व पूजा पद्धति में हस्तक्षेप किए जाने का आरोप लगाया है।जिन्होंने बिहार की राज्य सरकार पर जानबूझकर बौद्धों को उनके हक और अधिकारों से वंचित किए जाने की बात कही ही।
पूजा पद्धति बदलने का प्रयास
भंते का आरोप है कि बिहार सरकार बौद्ध धर्म के विरोध में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार और महाबोधि महाविहार प्रबंधन कमेटी, बीटी एक्ट की आड़ में पवित्र स्थल का स्वरूप और पूजा पद्धति बदलने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, विरोध करने वालों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।महाविहार में गैर बौध्दों ने अपना कब्जा जमा लिया है। उन्हें वहां से हटाना चाहिए ।
मुकदमे को वापस लौटाया जाए
आंदोलन 10 जुलाई से शुरू हुआ है। महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन समिति की मुख्य मांग है कि बौद्धगया स्थित महाबोधि महाविहार का प्रबंधन बौद्ध समाज को सौंपा जाए और बीटीएमसी 1949 कानून को रद्द किया जाए।और इसके लिए आंदोलन करने वाले सामाजिक बन्धुओ पर दर्ज किए गए मुकदमे को वापस लौटाया जाए। जिस पर भंते धम्म शिखर ने सवाल खड़े करते कहा- अंबेडकर चौक हमारे मूवमेंट का गढ़ है, जहां आंदोलन की अनुमति प्रशासन ने दी थी, जिसके बाद प्रशासन ने ही स्थान बदल दिया, जो समझ से परे है। हालांकि हम यहां भी शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब तक बीटी एक्ट को समाप्त करने और महाबोधि महाविहार को बौद्धों को नहीं सौंपा जाता, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।