
मुंबई। महाराष्ट्र में एनडीए घटक दल में अपनी अपनी रेखा खींचने का खेल चल रहा है। एक ओर अमितशाह की नजर में एकनाथ शिंदे खटक रहे हैं। दूसरी ओर अजीत पवार ने अपनी पार्टी से नवाब मलिक को टिकट देकर महायुति का बीपी बढ़ा दिया है। अमितशाह ने एकनाथ शिंदे के आदमी महेश गायकवाड़ा पर गोली चलाने वाले बीजेपी विधायक गनपत गायकवाड़ की पत्नी को टिकट दे दिया है। शरद पवार ने अजीत पवार के खिलाफ उनके भतीजे योगेन्द्र पवार को टिकट दे दिया है। जाहिर सी बात है महाराष्ट्र के चुनाव में सांप सीढ़ी वाली राजनीति चल रही है।
महायुति में खटास
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर महायुति के घटक दलों में किसी तरह का खींचतान नहीं है। अभी तक यही माना जा रहा था। लेकिन अजीत पवार ने नवाब मलिक को टिकट देने की घोषणा करके महायुति की टेशन बढ़ा दिये हैं। यदि नवाब मलिक चुनाव लड़े तो महायुति में खटास पड़ जाएगी।
मलिक को एनसीपी का साथ
अजित पवार के बेहद खास नवाब मलिक ने मंगलवार को चैंकाते हुए अपना नामांकन दाखिल कर दिया। नवाब मलिक ने कहा कि उन्होंने एक नामांकन निर्दलीय के तौर दाखिल किया है तो वहीं दूसरा एनसीपी के सिंबल पर। एनसीपी की तरफ से एक लेटर हेड में नोटिफिकेशन आता है कि पार्टी ने नवाब मलिक को सिंबल देते हुए मनखुर्द शिवाजी नगर से अपना प्रत्याशी बना दिया है। बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने खुलकर ऐलान कर दिया कि वे नवाब मलिक को समर्थन नहीं करेंगे। बता दें कि नवाब मलिक जिस सीट से प्रत्याशी हैं वहां एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के प्रत्याशी महाविकास अगाड़ी को लीड कर रहे हैं। ऐसे में नवाब मलिक के लिए यह लड़ाई आसान नहीं होने वाली है।
ऐसा माना जा रहा था
बीजेपी नेता आशीष शेलार से लेकर पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने भी अजित पवार को यह संकेत दे दिया था कि वे नवाब मलिक को टिकट न दें। इतना ही नहीं नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को जब अणुशक्ति नगर से टिकट मिला था तो उस दौरान ही कथित तौर पर बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने यह कह दिया था कि वे सना मलिक के समर्थन में कोई भी प्रचार नहीं करेंगे। उस दौरान ऐसा माना जा रहा था कि अजित पवार एनडीए के साथियों की सभी बातों से सहमत हैं।
अजित पवार पर संदेह
इससे इंकार नही किया जा सकता कि नवाब मलिक को आखिरी समय में टिकट देकर अजित पवार ने महायुति में विश्वास की कमी वाले नेरेटिव को बढ़ावा दिया है। इससे अजित पवार की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है।अगर अजित पवार को नवाब मलिक को टिकट देना ही था तो वे इस मुद्दे पर खुलकर बोल सकते थे। लेकिन वो चुप्पी साधे रहे अंत तक। अजित पवार अपने चाचा शरद पवार को भी इस तरह का धोखा दे चुके हैं।
आसान नहीं नवाब मलिक की राह
अजीत पवार की पार्टी से नवाब मलिक को टिकट मिल गयी है,लेकिन उनकी जीत आसान है,दावा नहीं किया जा सकता। क्यों कि नवाब मलिक के सामने अबु आजमी हैं। जो कि तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं। अब यह देखना होगा कि क्या महायुति से कोई समर्थन न मिलने के बावजूद अजित पवार क्या नवाब मलिक को जिता पाते हैं या नहीं।