
4Crore 85 lakh paddy scam in jablpur,only 20arrested in 72 charges
राष्ट्रमत न्यूज,जबलपुर(ब्यूरो)।जबलपुर के पाटन थाना क्षेत्र में बिहार के चारा घोटाला की तर्ज पर 60 करोड़ का धान घोटाला किया गया। जिसमें 72 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गयी। जिसमें सिर्फ 20 ही गिरफ्तार हुए। मुख्य आरोपी और एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के प्रभारी जिला प्रबंधक दिलीप किरार को क्राइम ब्रांच और पाटन पुलिस ने छतरपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी दिलीप किरार पर 74 हजार रुपये का इनाम था। धान घोटाले की जांच जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने कराया।
मास्टरमाइंड दिलीप किरार।
वाहनों का टोल नाका पर रिकार्ड नहीं
नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक सहित 13 कर्मचारियों 17 राइस मिलर और उपार्जन केंद्रों से जुड़ी सहकारी समितियों के 44 अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गयी थी। घोटाले के नयाब तरीके अपनया गया था। जबलपुर जिले में अंतर जिला मिलिंग के लिए जिले के बाहर धान उठाने की बजाय मिलर्स द्वारा स्थानीय दलालों के माध्यम से धान बेच दिया गया। धान परिवहन के लिये उपयोग में गये लगाए गए वाहन 614 ट्रिप में से 571 का टोल नाकों पर नहीं मिला कोई रिकार्ड।
टोल नाका में ट्रक के बजाए कार के नम्बर दर्ज मिले।
ट्रक के बजाए कार के नम्बर निकले
घोटाले के तरीके बिहार के चारा घोटाले से मिलता जुलता है। जांच में सामने आया कि धान परिवहन के नाम पर 614 फर्जी ट्रिप लगाए गए। इनमें 55 कार, पिकअप, ट्रैक्टर और कम लोडिंग क्षमता वाले वाहनों के नंबर फर्जी तौर पर रजिस्ट्रेशन में दर्ज किए गए थे। 30 करोड़ 14 लाख 19 हजार 600 रुपये मूल्य की 1लाख 31 हजार 052 क्विंटल धान की हेराफेरी का प्रारंभिक अनुमान।अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय जाँच समिति की रिपोर्ट पर की गई कार्यवाही।
21129 क्विंटल धान का घोटाला
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत किसानों से खरीदे गए 21129 क्विंटल धान को जबलपुर जिले से बाहर भेजने के बजाय स्थानीय दलालों को बेचकर शासन को करोड़ों रुपये का चपत लगाया गया। मामले की जांच चार सदस्यीय समिति ने की।घोटाला प्रमाणित होने के बाद पाटन, कुण्डम, सिहोरा, मझगवां, मझोली समेत 12 थानों में धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज किए गए थे।
72 आरोपियों में 20 गिरफ्तार
इस घोटाले में 72 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।जिनमें 20 आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।जबकि शेष आरोपियों की तलाश की जा रही है।पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर दिलीप किरार को छतरपुर से दबोचकर पाटन लाया।
पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया है। ताकि घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों और राइस मिलर्स की भूमिका का खुलासा हो सके। वहीं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस का दावा है बिहार के चारा घोटाला की तरह धान घोटाला करने वाले जल्द पकड़े जाएंगे। सरकारी धन की हेरा फेरी का नयाब तरीका आरोपियों ने ढूंढ निकाला।
60 करोड़ तक पहुंचा घोटाला
शुरुआती जांच में 30 करोड़ 14 लाख 19 हजार 600 रुपए मूल्य की 1 लाख 31 हजार 52 क्विंटल धान की हेराफेरी सामने आई थी। बाद में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 60 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यह घोटाला उजागर हुआ।घोटाले में शामिल लोगों ने शासकीय दस्तावेजों में कूट रचना कर ट्रक नंबर, चालान, और परिवहन फर्जी तरीके से दर्ज किए। जांच में यह भी पाया गया कि पाटन थाना क्षेत्र में ही 2 दिसंबर 2024 से 23 जनवरी 2025 के बीच 21,129 क्विंटल धान, जिसकी कीमत करीब 4.86 करोड़ रुपए है, की धोखाधड़ी की गई।
दिलीप किरार रिमांड पर
घोटाले में अब तक कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एमपीएससीएससी के अधिकारी, ऑपरेटर, मिलर्स और सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी शामिल हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं:
- दिलीप किरार – प्रभारी जिला प्रबंधक
- सुनील प्रजापति – ऑपरेटर
- बी.एस. मेहर – प्रभारी इश्यु सेंटर
- मनदीप सिंह, प्रतीक सक्सेना, संजय जैन – राइस मिलर्स
- गंधर्व सिंह, रामस्वरूप रजक – समिति प्रबंधक
- शैलेन्द्र ठाकुर, सौरभ ठाकुर – कंप्यूटर ऑपरेटर्स(पूरी सूची में कुल 19 नाम शामिल हैं।) इन सभी पर BNS की धारा 116/25, 61(2), 338, 336(3), 340(2), 318(4), 316(2), 316(4) और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।