
233 People engaged in 4 liters of paint
राष्ट्रमत न्यूज,शहडोल(ब्यूरो)।शहडोल जिले में सरकारी स्कूल में पुताई का खेल हैरान कर देने वाला है। ब्यौहारी के शासकीय हाई स्कूल ग्राम सकंदी में फर्जी देयक के जरिये सरकारी पैसा का गोलमाल किया गया है। पुताई का खेल देखकर किसी को भी हंसी आ सकती है। ब्यौहारी के शासकीय हाई स्कूल ग्राम सकंदी में 168 लेबर एवं 65 राज मिस्त्री मिलकर 4 लीटर आयल पेंट की पुताई की। और एक लाख छह हजार नौ सौ चैरासी रुपये का भुगतान किया गया है। सोचने वाली बात है कि चार लीटर आयल पेंट की पुताई में क्या इतने मजदूर लग सकते हैं। भुगतान दो चार हजार नहीं एक लाख से ऊपर हुआ। यानी फर्जी बिल के जरिये भुगतान दिखाकर राशि डकार ली गयी।
कैसे कैसे घोटाले
शहडोल जिले के जिले के ब्यौहारी में सकंदी एवं निपानिया गांव के स्कूलों में भ्रष्टाचार हुआ है।सकंदी में 168 मजदूर और 65 राज मिस्त्री ने काम किया और भुगतान भी हो गया। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची ने कोषालय से पैसा आहरित कर लिया है। इसी तरह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में 275 लेबर एवं 150 राज मिस्त्री 20 लीटर आयल पेंट की पुताई किये। इस कार्य में 10 नग खिड़की लगाने एवं चार नग दरवाजे की फिटिंग हुई। जिसके बदले दो लाख इकतीस हजार छह सौ पचास रुपये निकाला गया।
सवाल यह कि बिल पास कैसे हुआ
दोनों विद्यालय में अनुरक्षण मद से कार्य कराया गया है। विद्यालय जहां स्थित है, उन गांवों में इतने राज मिस्त्री और लेबर नहीं हैं।देयक सुधाकर कंस्ट्रक्शन ग्राम पंचायत ओदारी तहसील ब्यौहारी का है।बिल संलग्न है। जिसमें प्राचार्य निपनिया द्वारा 4अप्रैल 2025 को देयक सत्यापित किया गया है। जबकि सुधाकर कंस्ट्रक्शन ओदारी तहसील ब्यौहारी द्वारा 5 मई 2025 को देयक तैयार किया गया।अब प्रश्न यह उठता है कि एक महीना पहले ही प्राचार्य निपनिया द्वारा एक माह पहले उक्त बिल को सत्यापित कर दिया गया।जो कि अपने आप में ही कई प्रकार के प्रश्नों को जन्म दे रहा है। वहीं ट्रेजरी आफिसर ने बिल का भुगतान कर दिया। जाहिर सी बात है कि इन्हें भी कमीशन दिया गया होगा।
ट्रेजरी आफिसर का निराला काम
अनुरक्षण मद से कराए गए कार्यों का कार्य के पूर्व फोटोग्राफ्स एवं कार्य होने के बाद फोटोग्राफ्स देयक के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। जबकि कार्य कराने के पूर्व और कार्य समाप्त के बाद देयक के साथ फोटोग्राफ्स संलग्न नहीं किया गया। ट्रेजरी आफिसर ने बिना फोटोग्राफ्स के ही देयक पारित कर भुगतान कर दिया।
घोटाला आयोग का गठन हो
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सही कहा था कि मध्यप्रदेश में घोटालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अब तो मोहन यादव की सरकार को घोटाला आयोग का गठन कर देना चाहिए। यह तो शहडोल के दो स्कूलों का नमूना है। पूरे प्रदेश में क्या हुआ होगा सहज सोच सकते है।