
Kavasi used to get 2 crores every month in code word
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है। जिसमें उनकी अहम भूमिका का उल्लेख है। यह मामला 2000 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले से जुड़ा है।कांग्रेस नेता लखमा करीब 5 महीने से रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। चालन 1200 पन्नों समेत 66 पन्नों की समरी का है। इसे एसीबी/ ईओडल्ब्यू की विशेष अदालत में पेश किया गया।
ईडी जांच कर रही है
छत्तीसगढ़ में हुए 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की ईडी जांच कर रही है।छत्तीसगढ़ शराब घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ था। इस समय कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में थी। उस समय कवासी लखमा राज्य के आबकारी मंत्री थे।
कवासी को 72 करोड़ मिले थे
आरोपों के मुताबिक कवासी लखमा को 36 महीनों में अवैध सिंडिकेट के माध्यम से 72 करोड़ रुपये मिले थे। यह मामला छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है और ईडी इसकी जांच कर रही है। लखमा को इसी वर्ष 15 जनवरी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके करीबियों के घरों पर छापेमारी की थी। 3 जनवरी और 9 जनवरी को भी कांग्रेस नेता लखमा से पूछताछ की गई थी। इसके बाद 15 जनवरी को पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया थाण् लखमा तभी से जेल में है।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। ED द्वारा दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डूप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी। जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।