
Two accused over turned in front of the magistrate,will sonam survive
राष्ट्रमत न्यूज,इंदौर/ शिलांग(ब्यूरो)। राजा रघुवंशी मर्डर केस में क्या सोनम को सजा होगी?राज कुशवाहा को सजा होगी। चारो आरोपियों में क्या कोई बच सकता है।यह सवाल इसलिए कि दो आरोपी आकाश और आनंद जज के सामने मुकर गए हैं। ऐसे में पुलिस का काम बढ़ गया है। राजा रघुवंशी मर्डर केस की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी का साथ देने के आरोप में गिरफ्तार किये गए थे। दो ने अपना अपराध कुबलने से मना कर दिया है। सवाल यह है कि यदि अभियोजन पक्ष हत्या की कड़ी नहीं जोड़ पाए तो कई बच जाएंगे। राजा रघुवंशी एक ब्लाइंड मर्डर है। हत्या करते किसी ने नहीं देखा है। राज कुशवाहा हत्या के समय इंदौर में था। अभी सोनम ने पुलिस को यह नहीं बताया है कि उसने राजा रघवुंशी की हत्या क्यों करवाई या की।
क्या सोनम,राज बच जाएंगे!
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या दो आरोपियों का मुकरना सोनम के लिए राहत है। यदि पूरे मामले में सोनम भी कोर्ट में मुकर गयी तो क्या होगा? विशाल,राज कुशवाहा,आकाश,और आनंद इन सब की मर्डर के संबंध में कोई चैटिंग नहीं है। न ही मारने के लिए पैसा लिया। फिर राजा कुशवाहा के मर्डर में ये चारो कैसे और क्यों शामिल हो गए। राजा रघुवंशी को विशाल ने मारा ऐसा अन्य का कहना है। विशाल ने ही मारा इसका कोई पुख्ता साक्ष्य पुलिस के पास नहीं है। जिस हथियारा से हमला हुआ उसमें किसी के फिंगर प्रिंट नहीं है। केवल आरोपियों के बयान के सिवा। राजा कुशवाहा मर्डर में पुलिस ऐसी कड़ी अभी तक नहीं जोड़ पाई,जिससे राजा के मर्डर की बात साफ हो सके। रोज पुलिस कोई न कोई खुलासे करती आ रही है। राज कुशवाहा रजा रघुवंशी हत्या के समय मौका ए वारदात पर नहीं था। क्या वो बच जाएगा? वो भी हत्या कांड से मुकर सकता है कि मेरा इस मामले सेे कोई लेना देना नहीं है। मैं कभी मेघालय गया ही नहीं। इस मामले पर मेघालय एसआईटी प्रमुख का कहना है कि उनके पास अभी भी दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के लिए पर्याप्त भौतिक साक्ष्य हैं। हालांकि दो आरोपियों के मुकरने को सोनम रघुवंशी के लिए राहत की तरह देखा जाने लगा है।
बीएनएस की धारा और जांच
बीएनएस के तहत धारा 180 के तहत दर्ज किए गए बयान जांच और जिरह के दौरान सहायक होते हैं लेकिन, केवल बीएनएस की धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए बयान ही कोर्ट में महत्वपूर्ण साक्ष्य रखते हैं। इसलिए इसे सोनम के लिए राहत कहा जा रहा है। हालांकि एसआईटी वर्तमान में चल रही जांच के हिस्से के रूप में फोरेंसिक लैब रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पुलिस की जांच ने राजा रघुवंशी हत्या कांड की गुत्थी को उलझा दी है।
बयान नहीं देने का फैसला किया
मजिस्ट्रेट कार्यवाही के लिए सिर्फ आकाश व आनंद को पेश किया गया।शिलांग पुलिस अधीक्षक और मेघालय एसआईटी प्रभारी हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने बताया कि मजिस्ट्रेट कार्यवाही के लिए सिर्फ आकाश और आनंद को पेश किया गया। लेकिन दोनों आरोपियों ने चुप रहने के अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग करते हुए बयान नहीं देने का फैसला किया। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एसआईटी ने जांच की शुरुआत से ही पर्याप्त और ठोस भौतिक साक्ष्य एकत्र किए हैं जो मजबूत और स्वीकार्य हैं। जबकि पुलिस के सामने कबूलनामे अदालत में स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भौतिक साक्ष्य कानूनी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विशाल पर टिकी मर्डर की कहानी
राजा रधुवंशी हत्या कांड में केवल विशाल ही एक ऐसा आरोपी है जिस पर हत्या की पूरी स्टोरी टिकी है। यदि सब कहते हैं कि इसने मारा है, तो वो यह भी कह सकता है कि इस कांड में सभी शामिल हैं। लेकिन विशाल कोर्ट में मुकर गया और सोनम पर आरोप लगा दिया कि इसने मारा है। इसी ने कहा कि राजा की बाॅडी को फेकने में मदद नहीं किये तो मैं सबकी जान ले लूंगी या फिर फसा दूंगी। मुझे छेड़ रहे थे। मेरे साथ बलात्कार की कोशिश कर रहे थे। ऐसे अनेक बयान हो सकते हैं। हम सभी डर गये और राजा को खाई में फेकने में सोनम की मदद किये। आकाश,आनंद कह सकते हैं कि हम सोनम को प्रोडेक्ट करने आए थे। हम मर्डर के लिए नहीं आए थे। कहानी में कई मोड़ हैं। लूट की कहानी भी बना सकते हैं। किसी और ने राजा को मारा। हमारे मोबाइल,पैसा,अन्य सामान लेकर हत्यारे फरार हो गए। हमारा अपहरण कर लिया गया था। हम डर के मारे पुलिस को सूचित नहीं कर सके। ऐसी कई कहानी बनेंगी इस हत्याकांड में। वकील अपने अपने पक्षकार को बचाने के लिए कई सवाल खड़े करेंगे। बहरहाल दो आरोपियों के मुकरने से राज रघुवंशी हत्या कांड की कहानी फंस गयी।