
Youth should know about the harassment of emergency
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट। संस्कृति विभाग मप्र शासन के निर्देशानुसार 25 जून को पीजी कॉलेज बालाघाट में संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूर्व मंत्री रामकिशोर नानो कावरे के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक रमेश भटेरे, लोकतंत्र सेनानी एवं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रमेश रंगलानी, शांतिलाल भंसाली ,श्रीमती मौसम हरिनखेड़े, एसडीएम गोपाल सोनी, पीजी कॉलेज के प्राचार्य चंदेलकर, कॉलेज के छात्र छात्राऍ एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
आपातकाल में संविधान की हत्या हुई
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री रामकिशोर नानो कावरे ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा देश मे आपातकाल लगाया गया था। इस दौरान देश सेवा के लिये काम करने वाले अनेक लोगो को जेल भेज दिया गया। रमेश रंगलानी ने आपातकाल की पीड़ा को झेला है और उनके द्वारा 19 माह जेल में गुजारे गए हैं। हमारा देश लगभग 65 प्रतिशत युवाओं का देश है। युवाओं को आपातकाल के दौरान संविधान को खत्म कर जो तानाशाही की गई उसकी जानकारी देने एवं संविधान की रक्षा के प्रति जागरूक करने के लिये इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। युवाओं को संविधान में दिये गए अधिकारों के प्रति जागरूक रहना होगा। जिससे देश में आपातकाल लगाने की कोई जुर्रत न कर सके। जो लोग आज संविधान की रक्षा करने की बात करते है, उनका इतिहास देश में आपातकाल लगाने और संविधान की हत्या करने का रहा है।
19 माह जेल में बिताया
कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी रमेश रंगलानी ने आपातकाल के दौरान उनके साथ हुए व्यवहार एवं प्रताड़ना की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने 19 माह का समय बीना किसी कारण के जेल में बिताया है। उन पर वैनगंगा पुल को उड़ाने का आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया था। आपातकाल में जबरन लोगो की नशबंदी कर दी गई थी। इसमें अविवाहित युवा भी शामिल थे। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी शांतिलाल भंसाली को शासन की ओर से सम्मान पत्र भेंट किया गया। इस दौरान आपातकाल पर आधारित लघु फिल्म भी दिखायी गई।