
Chhattisgarh government runs from delhi- polot
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने रायपुर में कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था लचर हो गई है। ऐसा लगता है कि यहां दिल्ली से सबकुछ मैनेज हो रहा। दिल्ली से चलती है छत्तीसगढ़ की सरकार। इसीलिए रायपुर का नियंत्रण कम है। जिन्हें शासन चलाने के लिए जनता से आशीर्वाद मिला है, वो भी हर निर्णय के लिए दिल्ली की ओर देख रहे हैं।
हम हिंसा के खिलाफ हैं
पायलट ने अमित शाह के नक्सलियों को ‘सोने नहीं देंगे’ वाले बयान पर कहा कि हम हिंसा के खिलाफ हैं, लेकिन कार्रवाई पारदर्शी और संवेदनशील तरीके से होनी चाहिए। आंतरिक सुरक्षा का विषय है इसलिए, सबको विश्वास में लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए।उन्होंने कहा कि हमारे जवान जान पर खेलकर अपनी भूमिका निभाते हैं। नक्सली खात्मे के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के 31 मार्च 2026 के टारगेट को लेकर पायलट ने कहा कि सोच समझ कर कठोर कदम उठाने चाहिए, हमारे जवान जान पर खेल कर अपनी भूमिका निभाते हैं।
महंत की भूपेश ने खिंचाई की
सोमवार को राजीव भवन में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने मैराथन बैठकें की। इस बीच पॉलिटिकल अफेयर्स की मीटिंग में भूपेश बघेल ने अनुशासनहीनता को लेकर नाराजगी जताई। इसके अलावा बताया जा रहा है कि, उन्होंने चरणदास महंत से भी पूछा कि, आप मुख्यमंत्री पर हमला करने से क्यों बचते हैं? कहा कि, नेता प्रतिपक्ष को सरकार के खिलाफ मुखर होना चाहिए।
7 जुलाई को मल्लिकार्जुन खड़गे
पॉलिटिकल अफेयर्स की मीटिंग के बाद प्रदेश पदाधिकारियों और अलग-अलग प्रकोष्ठ-विभाग की बैठक हुई। इसके बाद जिला अध्यक्षों के साथ भी सचिन पायलट ने चर्चा की। मीटिंग के बाद सचिन पायलट ने कहा कि, 7 जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का छत्तीसगढ़ दौरा होगा। यहां वे सभा को संबोधित करेंगे।जिला अध्यक्षों की बैठक में अध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्र से लोगों को सभा में लाने का टास्क भी मिला है। पायलट ने बताया कि, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी छत्तीसगढ़ आएंगे। वेणुगोपाल संगठन के सभी पदाधिकारियों, मोर्चा प्रकोष्ठों से मुलाकात करेंगे। इधर, जिला अध्यक्षों ने प्रदेश प्रभारी से निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने की इजाजत भी मांगी है।
पत्रकारों के सवाल,सचिन के जवाब
- दिल्ली से चलती है छत्तीसगढ़ सरकार, जनता ने अपने जनप्रतिनिधियों को चुना, लेकिन साय सरकार के हर फ़ैसले दिल्ली से होते हैं।
- पहली बार ऐसी सरकार देखी जो विपक्ष पर आरोप लगाती है, एजेंसियों का दुरुपयोग करने के अलावा सरकार के पास कुछ नहीं।
- विधानसभा सत्र को लेकर कहा, साय सरकार सत्र कम चलाती है और जवाब देने से कतराती है।
- निष्पक्षता से साय सरकार सदन में चर्चा नहीं होने देती, क्योंकि सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है।